बेमिसाल कर्मयोगी योगेश अग्रवाल का समाज को अनुकरणीय योगदान, 116वीं बार किया रक्तदान
(सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा)
देहरादून। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों में जीवन बचाने की कोशिश को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। इसी लिये संभवतया डाक्टरों को मरीजों के जीवन बचाने हेतु ‘‘भगवान’’ तक की उपमा दे दी जाती है। परन्तु जीवन बचाने में सबसे उपयोगी तत्व है रक्त। आये दिन दुर्घटनाओं से लेकर आॅप्रेशन में मरीजों की जान बचाने में सबसे अहम भूमिका रक्त की होती है यदि समय पर रक्त न मिले तो डाक्टरों का प्रयास भी निरर्थक हो जाता है इसीलिये रक्तदान को महादान कहा जाता है। एक ओर जहां जरूरत पड़ने पर सगे सम्बन्धी भी रक्तदान से कन्नी काट जाते हैं वहीं देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में एक ऐसे कर्मयोगी श्री योगेश अग्रवाल मौजूद हैं जिन्हें अधिकाधिक रक्तदान का जुनून है। जहां सामान्य रूप से रक्तदान करने वाले व्यक्ति 4-5 बार ही रक्तदान करते हैं, ये अब तक 116 बार रक्तदान कर चुके हैं। इस बेमिसाल कर्मयोगी के समर्पण को सादर नमन है।
-आई0ए0एस0 एकेडमी मसूरी में किया 116वीं बार रक्तदान
विश्व रक्तदानदाता दिवस के अवसर पर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री आई.ए.एस. अकादमी में आयोजित रक्तदान शिविर में श्री योगेश अग्रवाल ने 116वीं बार स्वैच्छिक रक्तदान किया।
-28 मई को ही कर दी जरूरतमंद को रक्तदान की घोषणा
सरकारी गाईडलाईन के अनुसार एक व्यक्ति को तीन माह में एक बार रक्तदान करने की अनुमति है। 28 फरवरी को 115वीं बार रक्तदान के बाद जैसे ही 28 मई को तीन माह पूरे हुए, योगेश अग्रवाल जी ने मीडियाजन से लेकर निकटतम परिचितों को संदेश भेज कर अपने ब्लडग्रुप बी पाजिटिव की जानकारी दे दी थी कि जरूरतमंद रक्तदान के लिये उनसे सम्पर्क कर सकता है।
-उ0प्र0 के वरिष्ठ आई0ए0एस0 राजन शुक्ला ने भी किया 111वीं बार रक्तदान
आमतौर पर आई.ए.एस. अधिकारियों को आमजन के सरोकारों से दूर समझा जाता है परन्तु मसूरी के रक्तदान शिविर में उ0प्र0 के वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी राजन शुक्ला ने इस अवधारणा को गलत साबित करते हुए 111वीं बार रक्तदान किया।
-एक यूनिट रक्त से बच सकती है पांच लोगों की जान
एक यूनिट रक्त को एक ही जरूरतमंद को दिया जा सकता था परन्तु नवीनतम तकनीकों के अनुसार अब एक यूनिट रक्त के अलग-अलग कम्पोनेन्टों को पांच जरूरतमंदों को दिया जा सकता है।
-योगेश अग्रवाल जी के समर्पण से प्रेरणा लेने की अपील
विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से समाजसेवा को सदैव तत्पर रहने वाले योगेश अग्रवाल के समर्पण से प्रेरणा लेने की अपील है। यदि नागरिकगण स्वैच्छिक रक्तदान हर तीन माह की कौन कहे वर्ष में एक बार करने लगे तो अपने देश में रक्त के अभाव में किसी को जान नहीं गंवानी पड़ेगी।