उत्तराखण्ड

राजधानी में 14 किमी में एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार होगा, यातायात दबाव कम करने में होगा मददगार

राजधानी में करीब 14 किमी तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) काम कर रहा है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर आईएसबीटी से शुरू होकर मोहकमपुर तक बनाने की योेजना है। योजना में अजबपुर-मोहकमपुर के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का हिस्सा है।

एनएच यह हिस्सा एनएचएआई को देने को सहमत है। इसको लेकर अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय से अनुरोध कर चुके हैं, अब इसकी अनुमति जारी होने की उम्मीद की जा रही है।देहरादून-दिल्ली के बीच छह लेन का एक्सप्रेस वे का काम चल रहा है। इससे आने वाले दिनों में यातायात काफी सुगम हो जाएगा। इसी तरह के शहर में वाहनों के दबाव से निपटने के लिए भी योजना पर काम चल रहा है।

एनएच अपना हिस्सा एनएचएआई को देने को सहमत
जानकारी के अनुसार, एनएचएआई आशारोड़ी से ही एलिवेटेड कॉरिडोर को अजबपुर तक ले जाने की योजना बनाई है। अजबपुर से और मोहकमपुर के बीच करीब तीन किमी का एरिया एनएच का है, जिस पर पहले एनएच को काम करने की योजना थी, क्योंकि अधिकांश काम एनएचएआई कर रहा था, ऐसे में यह हिस्सा भी एनएचएआई ही तैयार करे, इसे लेकर शासन स्तर पर एक संयुक्त बैठक हुई थी।

इसमें एनएच अपना हिस्सा एनएचएआई को देने को सहमत हो गया। इस सहमति के बाद लोक निर्माण विभाग के सचिव ने मंत्रालय में अफसरों से मुलाकात कर आशारोड़ी से मोहकमपुर तक करीब 14 किमी का पूरा एलिवेटेड काॅरिडोर को तैयार करने का अनुरोध किया है। अब संभावना व्यक्त की जा रही है कि मंत्रालय से भी अनुमति मिल जाएगी।

यहां से होकर गुजरेगा एलिवेटेड कॉरिडोर

आशारोड़ी से शुरू होने वाला एलिवेटेड कॉरिडोर आईएसबीटी से होकर गुजरेगा। यहां से कारगी चौराहा-पुरानी चौकी-दून विवि पहुंचेंगे। यहां पर अजबपुर फ्लाई ओवर होते हुए रिस्पना-विधानसभा होते हुए मोहकमपुर तक जाएगा। बीच में धर्मपुर आदि जगहों पर डॉउन रैंप को बनाया जाएगा।

कई फ्लाई ओवर बनाए गए

शहर में कई यातायात के दबाव को कम करने के लिए कई फ्लाई ओवर को निर्माण किया गया। इसमें बल्लूपुर, बल्लीवाला, अजबपुर, मोहकमपुर और आईएसबीटी पर फ्लाई ओवर को बनाया गया। सहस्रधारा रोड आदि को चौड़ा किया गया है।

एनएचएआई का आशारोड़ी से एलिवेटेड काॅरिडोर प्रस्तावित है। अजबपुर से मोहकपुर का हिस्सा एनएच का है, क्योंकि बाकी का सारा काम एनएचएआई कर रहा, तो एनएचएआई को ही पूरा काम करे, इसको लेकर बैठक की गई थी। इस बारे में मंत्रालय से भी अनुरोध किया गया है।

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