उत्तराखण्ड

आपदा राहत कार्य में मुख्यमंत्री ने स्वयं संभाला मोर्चा, सभी जिलाधिकारीयो से की बात

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से शुक्रवार को प्रदेश में हुई अतिवृष्टि/आँधी तूफान से हुई क्षति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र में ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों को निर्देश दिये कि समय-समय पर फोन के माध्यम से सभी जिलों की आपदा की जानकारी प्राप्त करें। आपदा से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी शीघ्र ही उच्चाधिकारियों को दी जाए। उन्होंने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से सभी जिलों की जान माल के नुकसान की भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अगले तीन माह वर्षाकाल के दौरान विशेष सतर्कता की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को किसी भी प्रकार के आपदा के लिए सतर्क रहने एवं शीघ्र रिस्पाँस के लिए निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि जिला आपदा कंट्रोल रूम का भी लगातार निरीक्षण करते रहें। ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत निरन्तर जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों की फोन नम्बर की लिस्ट भी अपडेट रखी जाए, ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर शीघ्र सम्पर्क किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शुक्रवार को उत्तरकाशी एवं पौड़ी में 28 मी.मी. की बारिश हुई जबकि देहरादून में 40 मी.मी. बारिश हुई। उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट तहसील के गंगटाड़ी में एक बच्ची के बहने की सूचना मिली है। जबकि पौड़ी जनपद के चाकीसैंण तहसील के बुमोच में अतिवृष्टि से चार पशुओं की हानि हुई है। प्रदेश में बादल फटने की कोई घटना नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर रात तक सभी जिलाधिकारियों से अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी फोन के माध्यम से ली।

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