राजधानी की सड़कों पर हादसे हर दो दिन में ले रहे एक जान
देहरादून : दून की सड़कों पर चला आ रहा खूनी खेल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रोज सड़कों पर कोई न कोई हादसे का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहा है। इसी वर्ष अब तक 30 लोग सड़क हादसे में मारे गए और 40 घायल हुए हैं। इससे साफ है कि सड़क हादसे हर दो दिन में एक जान ले रहे हैं।
दून में सड़क हादसों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। आंकड़ों में इसकी भयावह तस्वीर साफ नजर आती है। सड़क हादसे जहां ओवर स्पीड, यातायात नियमों का उल्लघंन करने और रैश ड्राइविंग आदि से होते हैं। इससे इतर यह भी सच्चाई है कि दून की सड़कें भी लोगों का जीवन लील रही है।
सड़कों को अनियोजित तरीके से खोदने के कारण उन पर बने गड्ढे और जर्जर सड़कें भी इसका कारण बन रही है। पिछले साल और हाल में हुए कई सड़क कई हादसे ऐसे हैं कि जो चालक की लापरवाही नहीं बल्कि सड़कों पर बने गड्ढों के कारण हुए हैं। पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक दून में कुल 50 सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें 30 लोगों की जान गई और 40 घायल हुए।
दून में सड़क हादसे
वर्ष————-हादसे——-घायल——-मौत
2016———–293———213—–131
2017———–342——–198—–143
2018————-50———-40——30
थानावार पुलिस ने चिह्नित किए गए डेंजर जोन
डोईवाला थाना क्षेत्र
– भानियावाला से जौलीग्रांट एयरपोर्ट के बीच
-भानियावाला से नेचर विला लालतप्पड़ के बीच
-लच्छीवाला से मियांवाला के बीच।
मसूरी थाना क्षेत्र
-मजार बाईपास से सुआखोली के बीच, -मैगी प्वाइंट से पानी वाला बैंड के बीच।
प्रेमनगर थाना क्षेत्र
-आइएमए गेट नंबर छह से दून प्रेसीडेंसी स्कूल के बीच
-प्रेमनगर चौक से नंदा की चौकी के बीच
कैंट थाना क्षेत्र
-आशीर्वाद एनक्लेव से एफआरआइ गेट के बीच
पटेलनगर थाना क्षेत्र
-तेलपुर चौक से नया गांव के बीच
– आइएसबीटी से रिस्पना पुल तक
विकासनगर थाना क्षेत्र
-हरबर्टपुर चौक से रामगढ़ कु ल्हाल के बीच
-पुलिस चौकी डाकपत्थर से जलालिया बैरियर के बीच
चला रहे जागरुकता अभियान
एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती के मुताबिक बढ़ते सड़क हादसे चिंता का विषय है। सड़क हादसों पर कमी करने के लिए पुलिस अपने स्तर से ठोस प्रयास कर रही है। स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रमों में पुलिस जागरूकता अभियान के माध्यम से जनता को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करती है। इसके साथ ही ओवर स्पीड, यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों, रैश ड्राइविंग आदि के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है।