उत्तराखण्ड

पीएम मोदी के नौ सुझावों पर अमल करेगी धामी सरकार

 देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर किए गए नौ आग्रह को उत्तराखंड के विकास का मूलमंत्र मानकर धामी सरकार प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करेगी। पर्यटन, शिक्षा समेत छह प्रमुख विभागों समेत संबंधित विभाग इन आग्रहों के अनुपालन की ठोस कार्ययोजना तैयार कर सरकार को सौंपेंगे। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में गुरुवार को अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों एवं जिलाधिकारियों को गुरुवार को निर्देश जारी किए। 

देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का गहरा लगाव है। गत नौ नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के प्रति उनका लगाव फिर अभिव्यक्त हुआ। उन्होंने राज्य के निवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों से नौ बिंदुओं पर अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी जैसी स्थानीय बोलियों के संरक्षण पर बल दिया। मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा को इस संबंध में कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। 

इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर आग्रह को केंद्र में रखकर वन एवं पर्यावरण विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ को आंदोलन की भांति आगे बढ़ाने का मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस दिशा में जितना तेजी से काम होगा, उतना ही हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ पाएंगे।

नदियों के संरक्षण व परंपरागत घरों को लेकर बनेगी कार्ययोजना

नौलो-धारों की पूजा की परंपरा वाले उत्तराखंड से उन्होंने इनके समेत नदियों के संरक्षण की अपेक्षा की। उनके इस आग्रह के अनुपालन की कार्ययोजना का जिम्मा जलागम को सौंपा गया है। पलायन वापसी को प्राथमिकता देते रहे प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेशवासियों से अपने गांवों से जुड़ने का चौथा आग्रह किया। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। 

गांवों में परंपरागत घरों के संरक्षण को लेकर किए गए आग्रह को धरातल पर उतारने के लिए पर्यटन विभाग कार्ययोजना बनाएगा। पांचवां आग्रह गांवों में पुराने घरों, विशेष रूप से तिबारी वाले घरों को बचाने से संबंधित था। इन्हें होमस्टे बनाकर आय बढाने का साधन बनाया जा सकता है। पर्यटन विभाग के पास यह जिम्मा है।

बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी करेंगे जागरुक

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भी चार आग्रह किए। इस संबंध में पर्यटन विभाग को समस्त संबंधित विभागों से समन्वय कर जन जागरण के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने पर्यटकों से स्वच्छता को सर्वोपरि रखने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया।

 

दूसरा आग्रह वोकल फार लोकल के मंत्र को याद रखकर यात्रा खर्च का पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करने के लिए किया गया। तीसरा आग्रह पहाड़ पर वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करने से संबंधित है। प्रधानमंत्री ने चौथा आग्रह धार्मिक स्थलों के रीति-रिवाजों और नियमों का यात्रा से पहले पता करने के लिए श्रद्धालुओं से किया। साथ ही वहां की मर्यादा के पालन पर ध्यान देने का अनुरोध भी उन्होंने किया।

मुख्य सचिव लेंगी नियमित अपडेट

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों से किए गए प्रधानमंत्री के आग्रह का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस संबंध में कार्यवाही से उन्हें अवगत कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नौ आग्रह राज्य के सर्वांगीण विकास सहित देश के विकास में सहायक हैं। इस संबंध में की जा रही कार्यवाही का नियमित अपडेट लिया जाएगा।

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