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योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग के मुखिया को पद से हटाकर अफसरशाही के साथ नेताओं को भी बड़ा संदेश दिया

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया मुकुल गोयल को बुधवार को पद से हटाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरशाही के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दे दिया है। ललितपुर में आठ मई को भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष नेताओं ने अफसरों की शिकायत का पुलिंदा रखा तो उन्होंने साफ कहा- अपनी दलाली बंद करो, अफसरों को हम सुधार देंगे। ललितपुर के बाद मेरठ दौरे से लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग के मुखिया को पद से हटाकर अफसरशाही के साथ नेताओं को भी बड़ा संदेश दे दिया है।

ललितपुर में आठ मई को पुलिस लाइन सभागार में जनप्रतिनिधियों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक में कुछ नेताओं के कई अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले आप लोग अपनी दलाली बंद करो। अफसरों को तो हम सुधार ही देंगे। वहां पर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर देख एक पल के लिए बैठक में सन्नाटा छा गया। एक नेता ने कहा कि अफसरों के भ्रष्टाचार करने से पार्टी की साख खराब हो रही है। जनता से जुड़े विभागों में अफसर जमकर वसूली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, एमएलसी, जिलाध्यक्ष का कोर ग्रुप बनाते हुए कहा कि पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी शिकायतें कोर ग्रुप के माध्यम से उनके पास भेजें। सभी शिकायतों का निराकरण वह कराएंगे। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनुशासित होकर काम करने की नसीहत दी।

डीजीपी को दारोगा की तरह हटाया : उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी पुलिस महानिदेशक को इस तरह से पद से हटाया गया। डीजीपी को तो एक दारोगा से तरह हटाकर कम महत्व वाले विभाग भेजा गया। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि विभाग के मुखिया यानी डीजीपी को अकर्मण्य बताकर हटाया गया। शामली निवासी 1987 बैच के आइपीएस अफसर मुकुल गोयल को बीती एक जुलाई को उत्तर प्रदेश का डीजीपी बनाया गया है। अखिलेश यादव की सरकार में एडीजी ला एंड आर्डर रहे मुकुल गोयल के चयन पर ही सवाल खड़े होने लगे थे। उनको तो अखिलेश यादव का खास माना जाता है। अब उनको शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते डीजीपी पद से मुक्त करते हुए महानिदेशक (नागरिक सुरक्षा) के पद पर भेजा गया है। उनका कार्यकाल फरवरी 2024 तक है।

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