सलमान खुर्शीद की किताब के बाद अब मनीष तिवारी की किताब ने कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ाने का किया काम
पहले से ही बुरी स्थिति में पहुंच चुकी कांग्रेस अब अपने ही नेताओं के दिए जख्म को सहने को मजबूर हो रही है। कांग्रेस की अंदरूणी लड़ाई भी किसी से छिपी नहीं है। पहले से ही अध्यक्ष के मुद्दे को लेकर पार्टी दो खेमों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। पार्टी की इस खराब स्थिति को और बदतर करने में अब मनीष तिवारी ने भी अपनी बड़ी भूमिका अदा की है। दरअसल, उन्होंने एक किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने कांग्रेस की मनमोहन सरकार की जबरदस्त आलोचना की है। ये आलोचना पाकिस्तान द्वारा मुंबई में हमला कराए जाने और कांग्रेस की सरकार द्वारा उसको जवाब न दिए जाने के मुद्दे पर की गई है।
अपनी किताब में उन्होंने इसको तत्कालीन कांग्रेस सरकार की नाकाम बताया है। उन्होंने ये भी लिखा है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। भारत सरकार द्वारा कार्रवाई न करना उसकी कमजोरी की निशानी थी। उन्होंने अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए यहां तक लिखा है कि जब पाकिस्तान को निर्दोषों का खून बहाने पर कोई दुख नहीं हुआ तो वहां पर चुप रहकर संयम दिखाना कोई ताकत नहीं थी, बल्कि ये कमजोरी की निशानी थी। 26/11 के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
उन्होंने मुंबई में हुए 26/11 हमले की तुलना अमेरिका में हुए 9/11 हमले से की है। बता दें कि 9/11 के हमले के बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में कदम रखा था और वहां की धरती बमों की गूंज से थरथरा उठी थी। मनीष तिवारी की इस किताब के बाद भाजपा ने भी भी कांग्रेस को घेरने की शुरुआत कर दी है। बता दें कि कांग्रेस के अंदर पहले से ही सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर दोफाड़ हो रखी है। इस पर मनीष तिवारी की किताब ने पार्टी की मुश्किलों को बढ़ाने का काम किया है। अपनी किताब में उन्होंने ये भी लिखा है कि मुंबई हमले के बाद भारतीय वायु सेना पाकिस्तान में कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने उसको ऐसा करने की इजाजत नहीं दी थी।
मनीष तिवारी ने अपनी इस किताब का नाम ’10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India’रखा है। उनकी ये किताब जल्द ही मार्केट में आ जाएगी। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ये किताब यूपीए सरकार की दो दशकों के दौरान थामी चुप्पी पर है। गौरतलब है कि मुंबई हमले के दौरान भी कांग्रेस की बड़ी वजीहत हुई थी, जिसकी वजह तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल बने थे। उस वक्त आरोप लगा था कि मुंबई आतंकी हमले से दहलती रही हो शिवराज पाटिल विभिन्न कार्यक्रमों में जाने के लिए केवल अपने कपड़े ही बदलते रहे थे।