निगम के प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की
देहरादून। सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) ने उत्तराखंड में विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में बड़े निवेश की इच्छा जताई है। निगम के प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर भावी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही उत्तराखंड में हाइड्रो, पवन और सौर ऊर्जा की परियोजनाओं के प्रस्ताव रखे। जिन पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया। प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ता हुआ उपक्रम है और वर्तमान में यह देश ही नहीं बल्कि, नेपाल और भूटान में भी विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में कार्यरत है।
बताया कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन 60 मेगावाट की नैटवाड़-मोरी जल विद्युत परियोजना निर्माण के अंतिम चरण में है और इसे जून 2022 तक पूरा किए जाने की संभावना है। उन्होंने टोंस व यमुना वैली में अन्य परियोजनाएं भी एसजेवीएन को आवंटित करने का अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए उन्हें भावी परियोजनाओं में शामिल करने की बात कही।
17 हजार स्ट्रीट वेंडर के लिए 17 करोड़ मंजूर
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि) में पंजीकृत राज्य के 17 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर को सरकार ने बड़ी राहत दी है। कोरोनाकाल में इनके व्यवसाय पर पड़े असर के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हें पांच माह तक दो-दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इस कड़ी में अब शासन ने 17 करोड़ रुपये की स्वीकृति का आदेश भी जारी कर दिया है।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों और पटरियों पर सामान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर को भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में खासा नुकसान उठाना पड़ा था। केंद्र सरकार ने पहले ही स्ट्रीट वेंडर के लिए पीएम स्वनिधि योजना लांच कर दी थी, जो राज्य में भी चल रही है। इसके तहत उन्हें 10 हजार रुपये तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में प्रदेश में पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर को पांच माह तक दो-दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए प्रथम किस्त के रूप में 17 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।