अब किसी भी प्रकार के कचरे को जलाना या मिट्टी में दबाना महंगा पड़ सकता है, गंदगी फैलाने पर दो हजार तक जुर्माना
लखनऊ, अब किसी भी प्रकार के कचरे को जलाना या मिट्टी में दबाना महंगा पड़ सकता है। इसके लिए दो हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने शहरों को साफ-सुथरा बनाए रखने और कूड़े के निस्तारण के लिए नई व्यवस्था लागू करते हुए गंदगी फैलाने वालों पर 500 से दो हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का फैसला किया है। साथ ही लोगों को कूड़ा उठवाने के लिए तय शुल्क भी देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी गई।
मंजूर नियमावली नगर निगमों से लेकर नगर पंचायत वाले छोटे नगरों में भी लागू होगी। नियमावली के तहत यदि किसी ने कुत्ता या कोई और पालतू जानवर पाल रखा है तो उसके सार्वजनिक स्थान पर मल त्यागने पर तत्काल उठाना होगा। ऐसा न करने पर उसे 500 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। कचरा प्रबंधन के लिए यूजर चार्ज तय करने का अधिकार नगरीय निकायों पर छोड़ दिया गया है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नगरीय निकाय अपने-अपने यहां यूजर चार्ज तय करेंगे। यूं तो केंद्र सरकार की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 की है। इसके बाद नगरीय निकायों को अपने यहां बोर्ड से पास कर उपविधि बनानी थी, लेकिन ज्यादातर ने नहीं बनाया। ऐसे में वे न यूजर चार्ज वसूल पा रहे और न ही गंदगी फैलाने वालों पर दंड लगा पा रहे हैं।
कैबिनेट द्वारा नियमावली को मंजूर किए जाने के बाद अब घर या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान सेे निकलने वाले कचरे को जैविक, अजैविक व हैजर्ड वेस्ट यानी तीन अलग-अलग डिब्बों में रखना होगा। सभी आवासीय परिसर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं अन्य जिनके यहां भी अधिक मात्रा में कचरा निकलता है, उन्हें भी अलग-अलग कूड़ेदान रखना होगा। गीले कचरे को यथासंभव कंपोङ्क्षस्टग या बायो मिथेनाइजेशन तकनीक के जरिये प्रोसेङ्क्षसग व निस्तारण संबंधित संस्थान व प्रतिष्ठान को खुद अपने परिसर में करना होगा।
आयोजन के बाद खुद करानी होगी सफाई : किसी कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों के शामिल होने पर आयोजक को स्वयं सफाई करानी होगी। सफाई न कराने पर उसे क्षेत्रफल व कचरे के हिसाब से जुर्माना देना होगा। फेरी या फिर पटरी पर दुकान लगाने वाले इधर-उधर गंदगी नहीं फेंक पाएंगे। उन्हें बंद डिब्बे में कूड़ा एकत्र करना होगा।
नाले-नालियों में कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध : नाले-नालियों में कचरा फेंकने पर रोक रहेगी। उसे साफ रखने का दायित्व कालोनीवासियों का होगा। हाउसिंग सोसाइटी के अंदर की गलियों को रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी को साफ कराना होगा और उससे निकलने वाली गंदगी को एक स्थान पर रखना होगा। इसे निकाय की कूड़ा गाडिय़ों को देना होगा। शहरों में लगने वाले लंगर या पूजा पंडालों में अब अनिवार्य रूप से कूड़ा फेंकने के लिए डिब्बा रखना होगा।
स्वयं कूड़ा एकत्र कराना होगा : भवन स्वामियों को अपने परिसर में कचरा एकत्र करने की व्यवस्था करानी होगी। कूड़ा-करकट सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और इधर-उधर नहीं फेंका जाएगा। पशुओं की पहुंच वाले स्थानों पर भी कूड़ा फेंकना प्रतिबंधित होगा। भारी मात्रा में कूड़ा निकलने वाले स्थानों खासकर बहुमंजिले भवन, अपार्टमेंट, गली में स्थित घर, होटल, पार्क, माल, सरकारी या निजी आवासीय कालोनियों, समितियों, दुकानों, कार्यालयों, वाणिज्यिक अधिष्ठान, एयरपोर्ट, रेलवे व उद्योगों को अपने क्षेत्रों में अलग-अलग कूड़ा रखने व उसे निस्तारित करने की व्यवस्था करनी होगी।
यह है जुर्माने की धनराशि
- अपराध का प्रकार-जुर्माना (रुपये में)-बड़े नगर निगम-छोटे नगर निगम- पालिका परिषद-नगर पंचायत
- वाहन चलाते समय गंदगी फेंकने या थूकने पर-1000-750-500-350
- सार्वजनिक स्थान पर कचरा फेंकने पर-500-400-300-200
- स्कूल, अस्पताल आदि के पास गंदगी फैलाने पर-750-500-400-300
- कूड़ा कचरा मिट्टी में दबाने या फिर जलाने पर-2000-1500-1200-1000
- खुले में जनवरों के मल त्यागने पर-500-300-200-100
- ध्वस्तीकरण का मलबा सड़क के किनारे रखने पर-3000-2500-1500-1000
- निजी नालियों, सीवर लाइनों से घरेलू मल खुले मैदान में बहाने पर-500-300-200-100
- नाली व सीवर में चोक करने वाला सामान डालने पर-500-300-200-100