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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी की निगाह पड़ोसी राज्यों पर भी

 लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी की निगाह पड़ोसी राज्यों पर भी है। पार्टी की चाहत उन राज्यों में सत्ता का विकल्प बनकर उभरने की है। असल में, पड़ोसी राजस्थान, मध्य प्रदेश व हरियाणा राज्य में सत्ताधारी दलों में आपसी खींचतान है, बसपा नेतृत्व का मानना है कि इससे जनकल्याण के कार्य प्रभावित हैं और पार्टी इसका बेहतर लाभ उठा सकती है। युवा व आमजन भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सरकारों से बेहद नाराज हैं।

बसपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश व हरियाणा तीनों हिंदी भाषी राज्य कमेटियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि संगठन की तैयारियों व छोटी कैडर बैठकों से सर्वसमाज को साधा जाए। जनाधार बढ़ाने के राज्य कमेटियां पूरे मनोयोग से कार्य करें। उन राज्यों में कोरोना टीकाकरण का कार्य प्रभावित होने से आम लोगों में नाराजगी है। पार्टी संगठन में कर्मठ युवाओं को शामिल करने पर भी विशेष जोर दिया गया।

बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यह भी कहा कि बसपा सिर्फ राजनीतिक पार्टी भर नहीं है, बल्कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर व कांशीराम के जीवन संघर्षों का महत्वाकांक्षी मिशन भी है। जिसे राज्यों में स्वार्थी लोग कमजोर कर रहे हैं। मध्य प्रदेश व राजस्थान में पार्टी में टूट का संज्ञान लेते हुए यह भी कहा कि ऐसे लोग पार्टी के विधायक तो बन जाते हैं, लेकिन सरकारों के आगे झुककर अपना राजनीतिक ईमान खो देते हैं। इसलिए समर्पित लोगों को ही आगे बढ़ाया जाए, ताकि सत्ता की चाभी उनके हाथ हो।

मायावती को रास नहीं आया आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास : बसपा प्रमुख मायावती को राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित बाबा साहब डाक्टर भीमराव आंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास रास नहीं आया। उन्होंने इसे भाजपा सरकार की नाटकबाजी करार दिया है। आरोप लगाया कि छलावे, नाटकबाजी और दलितों-पिछड़ों का हक मारने के मामले में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। इस केंद्र का शिलान्यास राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने मंगलवार को लोकभवन में किया। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद बसपा प्रमुख ने मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया ‘आंबेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयायियों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाजी नहीं तो और क्या है।’

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