उत्तर प्रदेश में कोराेना संक्रमण से यतीम हुए कक्षा नौ से ऊपर तक के विद्यार्थियों को लैपटाॅप या टैबलेट दिया जाएगा
लखनऊ कोराेना संक्रमण से यतीम हुए 18 वर्ष तक के कक्षा नौ से ऊपर तक विद्यार्थियों को लैपटाॅप या टैबलेट दिया जाएगा। प्रमुख सचिव बाल विकास वी हेकाली झिमोमी की ओर से मुख्यमंत्री बाल सेवा सम्मान की जारी गाइड लाइन में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही आइटीआइ विद्यार्थियों को भी मुख्यमंत्री बाल सेवा सम्मान का लाभ दिया जाएगा। संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण एससी तिवारी ने बताया कि सभी आइटीआइ से सूची मांगी गई है। अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार ने बताया कि सूबे की सभी आइटीआइ के विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा । ऐसे विद्यार्थी जिनके माता-पिता या दोनों में एक की एक मार्च 2020 के पहले या फिर इस कोविड-19 के दौर में निधन हुआ,उन्हें यह लाभ मिलेगा। सभी संस्थानों को सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना का लाभ जीरो से लेकर 18 वर्ष तक के विद्यार्थियों को मिलेगा।
क्या है योजना: योजना के तहत एक मार्च 2020 या उसके बाद अभिभावक की काेरोना से निधन हो गया है ताे उनके बच्चों को लाभ मिलेगा। 18 वर्ष तक सरकार शिक्षा के साथ मानदेय का इंतजाम करेगी। निधन में माता-पिता दोनों या दोनों में किसी एक के निधन पर भी लाभ मिलेगा।
कितना मिलेगा लाभ: जीरों से 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए चार हजार रुपये प्रतिमाह वैध अभिभावक के बैंक खाते में भेजा जाएगा। 11 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय व अटल विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। जहां निश्शुल्क शिक्षा के साथ ही तीन महीने के अवकाश के दौरान घर जाने पर 4000 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 12000 रुपये साल अभिभावक के खाते में भेजा जाएगा। आवासीय विद्यालयों में प्रवेश न लेने की दशा में इंटर तक की शिक्षा के लिए चार हजार रुपये प्रतिमाह सहायता दी जाएगी। ऐसे विद्यार्थियों का मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में प्रवेश होना अनिवार्य होगा। बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार का लाभ मिलेगा। कक्षा नौ से ऊपर के विद्यार्थियों को लैपटॉप या टैबलेट भी दिए जाएंगे।
क्या लगेंगे दस्तावेज: उप्र के निवासी होने के साथ कोविड से निधन होनेे का प्रमाण पत्र देना होगा। आधार कार्ड,दो लाख तक का आय प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोग ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से और शहरी क्षेत्र के लोग जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आवेदन प्रेषित करेेंगे। सभी दस्तावेजों को आवेदनकर्ता स्वयं सत्यापित करेगा। जिला स्तरीय जांच समिति जांच के बाद लाभ देगी।