उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण की समस्या बढ़ी,सरकार कर रही पीड़ितों के समुचित इलाज की व्यवस्था
लखनऊ, कोरोना वायरस से उबरने वालों कुछ लोगों के ब्लैक फंगस की चपेट में आने के मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर हो गई है। टीम-9 के साथ शुक्रवार को समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग इस प्रक्रिया की कार्रवाई में जुट गया है।
कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड की तर्ज पर प्रदेश में ब्लैक फंगस को भी अधिसूचित बीमारी घोषित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस का आदेश आज ही जारी कर लागू करा दिया जाए। ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को इसे महामारी घोषित करने का निर्देश दे चुकी है। ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को निर्देश दिए थे कि वह चाहें तो इसे महामारी घोषित कर सकते हैं। प्रदेश में अभी ब्लैक फंगस के 289 मरीज हैं। ऐसे में इसे कोरोना की तरह महामारी न घोषित कर महामारी अधिनियम 1897 के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस की दवा की कालाबाजारी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग प्रक्रिया में लग गया है। उत्तर प्रदेश में पोस्ट कोविड अवस्था में ब्लैक फंगस के संक्रमण की समस्या काफी बढ़ रही है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप प्रदेश इससे संक्रमित सभी के लिए समुचित चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में कोविड की तर्ज पर ब्लैक फंगस को भी अधिसूचित बीमारी (महामारी) घोषित किया जाए। इस संबंध में आदेश आज ही जारी कर प्रभावी करा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना वायरस संक्रमण की तरह अधिसूचित बीमारी घोषित करने के बाद अब ब्लैक फंगस के साथ कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, टीकाकरण और चिकित्सा तंत्र पर फोकस करें।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. डीएस नेगी ने बताया कि ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने के बाद अब हर मरीज का ब्योरा शासन को देना अनिवार्य होगा। प्रत्येक अस्पताल मरीजों की सूचना शासन को देंगे। दरअसल, कोरोना की तरह यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल रही। ऐसे में इसे अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है। उधर, शुक्रवार को टीम 9 के साथ बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार प्रदेश में ब्लैक फंगस के सभी मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसकी दवा का भी पर्याप्त मात्रा में इंतजाम किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जिलों में यह दवाएं उपलब्ध हों।
कोरोना मुक्त गांव को बनाएं लक्ष्य: मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-09 के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि गांवों को कोरोना से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से संचालित वृहद टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। निगरानी समितियों और आरआरटी टीमें बहुत सराहनीय कार्य कर रही हैं। आज जबकि प्रदेश में संक्रमण दर लगातार कम होता जा रहा है, ऐसे में इस प्रक्रिया को मिशन रूप में लिए जाने की जरूरत है। सभी गांवों में जागरूकता बढ़ाई जाए। ऐसे प्रयास हों जिससे कोरोना मुक्त गांव के संदेश को हर ग्रामवासी अपना लक्ष्य बनाए।
पुलिस विभाग भी बेहद सक्रिय: उन्होंने का कि मेरा गांव- कोरोना मुक्त गांव के संदेश के अनुरूप पुलिस विभाग ने मेरी लाइन-कोरोना मुक्त लाइन का संकल्प लिया है। यह प्रयास प्रेरणास्पद है। सभी के सहयोग से ही प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ है। कोरोना पर विजय प्राप्त करने में चिकित्साकर्मियों पुलिसकर्मियों, सभी स्वच्छताकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों आशा बहनों सहित प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।