जोधपुर के गांधी हॉस्पिटल में स्थापित लिक्विड ऑक्सीजन सेंटर पर पहुंचा टैंकर
जोधपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की खबरों के बीच जोधपुर में अलवर से लिक्विड ऑक्सीजन से भरा एक टैंकर लाया गया है। सोलह टन लिक्विड आक्सीजन भरे इस टैंकर को अलवर के भिवाड़ी से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जोधपुर पहुंचाया गया, जिसके कारण महज ग्यारह घंटे में ये 16 टन वजनी टैंकर जोधपुर पहुंच गया। इससे जोधपुर शहर के अस्पतालों में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी।
एयर प्रेशर लेवल की भी एक बड़ी समस्या आई सामने
जोधपुर में कोरोना संक्रमण रोगियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। सभी अस्पताल अपनी पूरी क्षमता के साथ भरे हुए एमडीएम और महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती इन मरीजों की सांसों को बरकरार रखने के लिए बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की खपत हो रही है। इधर ऑक्सीजन की खपत के साथ किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं उपलब्ध सिलेंडर में एयर प्रेशर लेवल भी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया। ऑक्सीजन की कमी को महसूस कर प्रशासन ने इस संबंध में प्रयास किया। इसके बाद भिवाड़ी से 16 टन की लिक्विड ऑक्सीजन से भरे टैंकर को वहां से रवाना किया गया जो मंगलवार को जोधपुर पहुंच गया, जिससे सप्लाई भी प्रारंभ की गई है।
जिलों की पुलिस से मदद मांगी, बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
अलवर के भिवाड़ी से 16 टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर आए इस टैंकर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर यहां तक लाया गया। जोधपुर में उपलब्ध ऑक्सीजन का भंडार तेजी से समाप्त होने की कगार पर पहुंच रहा था , इसको देख कर ये निर्णय लिया गया। ग्रीन कॉरिडोर की वजह से यह 20 के बजाय 11 घंटे में जोधपुर पहुंच गया। इस टैंकर को कम से कम समय में जोधपुर लाने के लिए प्रशासन ने रास्ते में पड़ने वाले जिलों की पुलिस से मदद मांगी। पूरे मार्ग में पुलिस ने सहयोग प्रदान दिया। पुलिस एस्कोर्टिंग और रास्ते के चौराहों पर वाहनों को रोक ग्रीन कॉरिडोर बना टैंकर को तेजी के साथ आगे बढ़ाया। जिससे टैंकर अपने निर्धारित समय से काफी पहले जोधपुर पहुंच गया। ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार पहुंचने के साथ जिला व अस्पताल प्रशासन ने राहत महसूस की।
भामाशाह ने जनसेवार्थ 10 ऑक्सीजन जनरेटर मशीनें की ऑर्डर
जोधपुर के प्रतियोगी शिक्षण संस्थान उत्कर्ष और भारत विकास परिषद से जुड़े भामाशाह निर्मल गहलोत ने भी शहर में कोविड-19 मरीजों के ऑक्सीजन की कमी के मद्देनजर 10 ऑक्सीजन जनरेटर मशीनें उपलब्ध करा कराने के लिए पहल की है। निर्मल गहलोत के अनुसार आगामी 102 दिनों में मुंबई से यह 10 मशीनें जोधपुर आ जाएंगी जिन्हें की आवश्यक सेवाओं के तहत वृद्ध आश्रम और वैलनेस सेंटर को उपलब्ध करवाया जाएगा।
बीमारियों से ग्रसित रोगियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा
यह मशीन 5 लीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ऑक्सीजन जनरेट करती है। कोरोना मरीज एवं श्वास से संबंधित अन्य मरीजों के लिए यह एक जीवनदायिनी मशीन है। इसका प्रयोग करने के दौरान अलग से ऑक्सीजन सिलेंडर आवश्यकता नहीं रहती है। यह मशीन कमरे की ही हवा में से ऑक्सीजन अलग करके मरीज को देती है। इन मशीनों के उपयोग से कोविड-19 संक्रमण झेल रहे अन्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा।