शाही स्नान के लिए बड़ी तादाद में हरकी पैड़ी पंहुचा जूना अखाड़ा
हरिद्वार सोमवती अमावस्या पर होने वाले कुंभ के पहले शाही स्नान के लिए निरंजनी अखाड़े का काफिला हरकी पैड़ी पहुंचा। सबसे पहले इसी अखाड़े ने शाही स्नान किया। इसके बाद श्री पंचदशानम् जूना अखाड़ा शाही स्नान के लिए पहुंचा। इसके साथ अग्नि, आह्वान, किन्नर अखाड़ा स्नान कर रहे हैं। आपको बता दें कि हरकी पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस दौरान आम श्रद्धालु हरकी की पैड़ी पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है।
- निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि हरकी पैडी ब्रह्मकुंड पर कर रहे हैं सोमवती अमावस्या का शाही स्नान।
- शाही स्नान के तैयार हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड घाट।
- निरंजनी अखाड़े में स्नान को जाने से पहले जुलूस की तैयारी करते नागा संन्यासी।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव भी करेंगे शाही स्नान
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव भी सोमवती अमावस्या का शाही स्नान करेंगे। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ शाही स्नान करेंगे। ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ ही शाही स्नान जुलूस में शामिल होंगे। वह रथ पर सवार रहेंगे।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कुंभ औपचारिक तौर पर एक अप्रैल से आरंभ हुआ। पहले शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग लेंगे। इससे पहले परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर सात संन्यासी अखाड़ों ने ही स्नान किया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पहले ही अखाड़ों का स्नान क्रम तय कर चुका है। इसके अनुसार सोमवार को सर्वप्रथम श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी स्नान करेगा। उसके साथ आनंद अखाड़ा रहेगा।
इसके बाद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का क्रम तय किया गया है। जूना के साथ अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़ा स्नान करेंगे। अगली बारी महानिर्वाणी की है, उसके साथ अटल अखाड़ा भी स्नान करेगा। फिर दिंगबर अणि, निर्वाणी अणि और निर्मोही अणि और अगले क्रम में बड़ा और नया उदासीन अखाड़ा रहेगा। अंत में निर्मल अखाड़े के साथ ही शाही स्नान संपन्न हो जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक (कुंभ मेला) संजय गुंज्याल ने बताया कि स्नान के लिए प्रत्येक अखाड़े को आधा घंटे का समय तय किया गया है। अखाड़ों का अंतिम स्नान शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। इसके बाद गंगा आरती की जाएगी। गुंज्याल ने बताया कि हरकी पैड़ी तक पहुंचने के लिए अखाड़ों का मार्ग भी तय कर दिया गया है।