national

पंजाब के तीन जिलों तरनतारन अमृतसर और गुरदासपुर मेंं जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत

पंजाब के तरनतारन और अमृतसर में जहरीली शराब पीने से 13 और लाेंगों की शनिवार को मौत हो गई। इससे पहले वीरवार और शुक्रवार को 49 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह पंजाब के तीन जिलों में अवैध शराब पीने से मरने वालों की संख्‍या 62 हो गई है। शनिवार को अमृतसर के मुच्‍छल गांव में शराब पीने वाले एक व्‍यक्ति की मौत हो गई तरनतारन में 12 लोगों की मौत हो गई। इस घटना से राज्‍य में हड़कंप मच गया है। अब तक तरनतारन जिले में 42, अमृतसर जिले में 12 और गुरदासपुर जिले के बटाला में आठ लोगों की मौत हाे चुकी है।

 अब तक तरनतारन में 42, अमृतसर में 12 और बटाला में आठ लाेगाें की माैत हो चुकी है

पंजाब में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री पर चल रही सियासी खींचतान के बीच इन मौतों से सियासत गर्मा गई है। बता दें कि शुक्रवार को तीन सीमावर्ती जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर में जहरीली देसी शराब पीने से 42 लोगों की मौत हो गई थी। तरनतारन में सबसे ज्यादा 30, बटाला (गुरदासपुर) में आठ और अमृतसर में चार लोगों की मौत हुई थी।

वीरवार को अमृतसर में सात लोगों की जान गई थी। शनिवार को 13 और लोगों की मौत हाे गई। इस तरह दो दिन में 10 गांवों और दो शहरी इलाकों में 62 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों की हालत अब भी गंभीर है। मरने वाले लोग ज्यादातर मजदूर तबके के हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि सरकार ने अब तक 38 मौतों की पुष्टि की है।

तरनतारन में जिस शराब से लोगों की जान गई, वह खडूर साहिब के गांव पंडोरी गोला में तैयार की गई थी। इसे अवैध तरीके से अन्य गांवों में बेचा गया। यह गांव अवैध शराब की तस्करी के लिए बदनाम है। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर राज कमल चौधरी को घटना की न्यायिक जांच सौंप कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। इस जांच में ज्वाइंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर व संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे। इसके अलावा बटाला और अमृतसर में भी एसआइटी गठित की गई है। अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अमृतसर के तरसिका थाने के निलंबित एसएचओ (थाना प्रभारी) विक्रम सिह को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया था। उन पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप है। वहीं, गांव मुच्छल की शराब बेचने वाली महिला बलविंदर कौर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) व एक्साइज एक्ट में केस दर्ज किया गया। तरनतारन के गांव पंडोरी गोला में भी पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें दो तस्कर अमरजीत सिंह व बलजीत सिंह शामिल हैं। आरोपितों ने स्वीकार किया है कि वह शराब तैयार करने लिए ज्यादा मात्रा में एल्कोहल, धतूरा व यूरिया खाद का इस्तेमाल करते थे।

बटाला में शराब तस्करी के तार गांव हरूवाल से जुड़े हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर पर्चा दर्ज कर हाथी गेट क्षेत्र की एक महिला और उसके दो बेटों को हिरासत में लिया है। महिला ने बताया कि उनके मोहल्ले में सब्जी का काम करने वाला एक व्यक्ति अवैध शराब  बेचता है।

गौरतलब है कि यह बेल्ट अवैध देसी शराब के लिए बदनाम है। यहां कई बार छप्पड़ों (छोटे तालाब) में अवैध शराब मिलने के मामले सामने आते रहे हैं। तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी ने कहा, हम जांच कर रहे हैं कि शराब की सप्लाई और कहां-कहां हुई है।

तरनतारन में मरने वाले 30 लोग नौरंगाबाद, मल्लमोहरी, कक्का कंडियाला, भुल्लर, बचड़े, अलावलपुर, जवंदा, कल्ला व पंडोरी गोला के रहने वाले हैं। इनमें गांव मल्लमोहरी के पिता-पुत्र भी शामिल हैं। मृतकों में 22 वर्ष के युवक से लेकर 60 वर्ष तक के बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं, अमृतसर में मुच्छल गांव व बटाला में हाथी गेट व कपूरी गेट में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं।

पुलिस को सूचना दिए बिना कर दिया अंतिम संस्कार

तरनतारन में मरने वाले अधिक लोगों के परिजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। बटाला में भी चार परिवारों ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया है। बटाला व अमृतसर में दो-दो मरीजों की हालत खराब है। सिविल अस्पताल तरनतारन व गुरु नानक देव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले आठ लोगों के शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। कुछ दिन पहले जिले के तरनतारन के रटौल गांव में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक ग्रामीण की दोनों आंखों की रोशनी चली गई।

उठे ये पांच सवाल

– एक साथ 10 गांवों और दो शहरी क्षेत्रों में कैसे हुई शराब की सप्लाई?

– शराब में इस्तेमाल एल्कोहल कहां से सप्लाई हुआ?

– तरनतारन में तीन दिन पहले तीन लोगों की मौत हुई। इस घटना के बाद पुलिस ने सख्ती क्यों नहीं की?

– इस बेल्ट में पहले भी कई बार छप्पड़ों (छोटे तालाब) से अवैध शराब की खेप पकड़ी जा चुकी है, लेकिन निर्माण पर रोक क्यों नहीं लगी?

– गांवों में अवैध भट्ठियां चल रही हैं। पुलिस ने इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button