national

मेलानिया ट्रंप आज दिल्ली के एक सरकारी स्कूल का दौरा करेंगी

अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप आज नानकपुरा में दिल्ली सरकार के एक स्कूल का दौरा करेंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप मंगलवार को आरके पुरम स्थित सर्वौदय सहशिक्षा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दौरा करेंगी। इस बीच दिल्ली का सर्वोदय को-एड सीनियर सेकेंडरी स्कूल अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का स्वागत करने के लिए तैयार है, वह अब से कुछ देर बाद आज स्कूल का दौरा करेंगी।

वहीं मेलानिया ट्रंप के दिल्ली के सरकारी स्कूल के दौरे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, आज हमारे स्कूल में हैप्पीनेस क्लास में वह भाग लेंगी। हमारे शिक्षकों, छात्रों और दिल्लीवासियों के लिए बहुत अच्छा दिन। सदियों से भारत ने दुनिया को आध्यात्मिकता सिखाई है। मुझे खुशी है कि वह हमारे स्कूल से खुशी का संदेश वापस लेगी।

इसके चलते यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।सुरक्षाकर्मियों ने स्कूल परिसर के आसपास बैरिकेडिंग कर दी है। इसके अलावा स्कूल के आसपास काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं जो चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए हैं। स्कूल के आसपास सफाई करने के साथ ही यहां स्थित पेड़ों पर भी लाल रंग से पुताई की गई है।

वह तकरीबन एक घंटे तक इस स्कूल में रहने के दौरान वह आम आदमी पार्टी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हैप्पीनेस क्लास (Happiness Class) के बारे में विस्तार से जानेंगीं। दरअसल, दिल्ली सरकार के स्कूलों में करीब डेढ़ साल पहले ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ शुरू किया गया था।

इसके तहत बच्चों को प्रतिदिन एक क्लास दी जाती है। इसका बच्चों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। इस क्लास की चर्चा अब विदेश में भी हो रही है। दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप दिल्ली सरकार के स्कूल में इसी क्लास को देखने आ रही हैं। इसे लेकर यह क्लास चर्चा में है।

आखिर क्या है हैप्पीनेस क्लास ?

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चलने वाली हैप्पीनेस क्लास 45 मिनट की होती है। स्कूल दिवस में यह प्रतिदिन होती है। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चे शामिल होते हैं। बच्चों को सबसे पहले ध्यान कराया जाता है। किसी तरह की कोई धार्मिक प्रार्थना नहीं होती है। कोई मंत्र नहीं होता है, कोई देवी-देवताओं की पूजा नहीं होती है। केवल अपनी सांसों पर ध्यान दिया जाता है। अपने मन पर ध्यान दिया जाता है। अपने विचारों पर ध्यान दिया जाता है। यह भारत की बहुत पुरानी संस्कृति है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button