श्रीनगर,जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में एक साथ रखे गए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों को अलग करके रखना पड़ा। अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पिछले हफ्ते राज्य में शांति भंग की आशंका को देखते हुए हरि निवास महल में हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि उन्हें अलग करना पड़ा। दरअसल, दोनों एक-दूसरे पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी को लाने का आरोप मढ़ रहे थे।
इसी बाच उमर महबूबा पर चिल्ला पड़े और उन पर और उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भारतीय जनता पार्टी से 2015 और 2018 में गठबंधन करने के लिए ताना जड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई जिसे वहां मौजूद स्टाफ ने भी सुना। पीडीपी चीफ महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर को जमकर जवाब दिए।
अधिकारियों ने बताया कि एक-दूसरे के धुर विरोधी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद राज्य में शांति भंग की आशंका को देखते हुए पिछले हफ्ते हरि निवास महल में हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि उन्हें अलग करना पड़ा। दरअसल, दोनों एक-दूसरे पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी को लाने का आरोप मढ़ रहे थे।
महबूबा ने उमर को याद दिलाया कि फारूक अब्दुल्ला का गठबंधन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भाजपा से था। एक अधिकारी ने बताया, ‘उन्होंने जोर से उमर से कहा कि आप तो वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों के जूनियर मिनिस्टर थे।’ महबूबा ने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को भी 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों के बीच विवाद बढ़ने पर यह फैसला किया गया कि दोनों को अलग रखा जाए। उमर को महादेव पहाड़ी के पास चश्माशाही में वन विभाग के भवन में रखा गया है, जबकि महबूबा हरि निवास महल में ही हैं। झगड़े से पहले उमर हरि निवास की ग्राउंड फ्लोर पर थे और महबूबा पहली मंजिल पर। बता दें कि हरि निवास महल उग्रवादियों से पूछताछ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जगह के रूप में जाना जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों नेताओं को जेल के नियमों और उनके ओहदों के हिसाब से खाना दिया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि महबूबा ने ब्राउन बेड खाने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उन्हें वह दी नहीं जा सकी, क्योंकि जेल के मेन्यू में हिरासत में लिए गए वीवीआईपी लोगों के लिए ऐसा कुछ नहीं है।