उत्तराखण्ड

दून के प्रेमनगर में अतिक्रमण हटने से एनएच के 80 करोड़ बचे, वजह जानिए

देहरादून: प्रेमनगर में अतिक्रमण हटने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड एलिवेटेड सड़क की जगह फोर लेन सड़क बनाएगा। इसके लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेज दिया गया है। डेढ़ साल पहले यहां 100 करोड़ लागत से एलिवेटेड सड़क बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को केंद्र ने सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी थी। मगर, अब अतिक्रमण हटने के बाद एनएच को फोर लेन सड़क बनने की राह आसान हो गई है। नए प्रोजेक्ट से एनएच को सीधे 80 करोड़ की बचत होगी।

प्रेमनगर बाजार के आधा किमी क्षेत्र में अतिक्रमण हटने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को फायदा हुआ है। यहां अतिक्रमण के चलते डेढ़ साल पहले सड़क चौड़ीकरण की स्थिति न होने पर एलिवेटेड रोड बनाने की तैयारी की गई थी। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को मंत्रालय ने स्वीकृति भी दे दी थी।

इसके लिए एनएच ने सर्वे भी शुरू कर दिया था। अब अतिक्रमण हटने के बाद यहां फोर लेन सड़क बनाने का रास्ता साफ हो गया है। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश का कहना है कि अतिक्रमण हटने के बाद अब प्रेमनगर में फोर लेन सड़क बनेगी। इसका प्रस्ताव एनएच ने बना दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के स्वीकृत होने के बाद यहां सड़क चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और सुरक्षा के कार्य में कुल 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फिर भेजा आइएमए के पास अंडर पास बनाने का प्रस्ताव नए प्रस्ताव में एनएच ने आइएमए के पास अंडर पास बनाने का प्रस्ताव भेजा है।

इससे पूर्व भी यहां दो प्रस्ताव भेजे गए थे। अब आइएमए की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंडर पास जरूरी है। इसका लाभ आइएमए के कैडेट के साथ यहां लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। उम्मीद है कि इस प्रस्ताव पर केंद्र की मुहर लग जाएगी।

इसी माह हटेगा शेष अतिक्रमण

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि इसी माह शहर का पूरा अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके तहत ही प्रेमनगर के शेष अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा। हालांकि, यहां अधिकांश अतिक्रमण हट चुका है। इसके बाद सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण का काम शुरू किया जाएगा।

भवनों की मरम्मत पर गढ़ी कैंट बोर्ड में हंगामा

प्रेमनगर और मिट्ठी बेहड़ी में अतिक्रमण हटाओ अभियान में ध्वस्तीकरण की जद में आए भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण की अनुमति को लेकर गढ़ी कैंट बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, बोर्ड ने दो टूक जवाब दिया कि उन्हीं भवनों को मरम्मत या पुनर्निर्माण की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास जमीन की रजिस्ट्री, नक्शा या अन्य जरूर रिकॉर्ड होंगे।

प्रेमनगर व मिठ्ठी बेहड़ी क्षेत्र में ऐसे तमाम भवन हैं, जिनका बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की जद में आने पर ध्वस्त कर दिया गया। कैंट बोर्ड के नियमों के अनुसार बिना अनुमति क्षेत्र में कोई भी काम नहीं किया जा सकता है। इसी मकसद से बुलाई गई विशेष बैठक में विधायक हरबंस कपूर और गणेश जोशी ने प्रभावित लोगों की पैरवी करते हुए बिना शर्त अनुमति देने की मांग उठाई।

बोर्ड के कई सदस्यों ने भी इसकी पैरवी की। करीब दो घंटे चली बैठक में बोर्ड ने जरूरी दस्तावेजों के बिना मरम्मत या पुनर्निर्माण की अनुमति देने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। हालांकि दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले लोगों को तत्काल अनुमति देने का प्रस्ताव पास कर दिया।

बोर्ड के कड़े रुख के बाद विधायक हरबंस कपूर व गणेश जोशी ने यह भी कहा कि मिठ्ठी बेहड़ी का इलाका बोर्ड के दायरे के बाहर है, फिर भी कैंट बोर्ड अनावश्यक दखल देते हुए लोगों को परेशान कर रहा है। इस पर बोर्ड सीईओ जाकिर हुसैन ने कहा कि कैंट बोर्ड भी लोगों की समस्या का निस्तारण चाहता है, लेकिन नियमावली के तहत ही मरम्मत की स्वीकृति दी जा सकती है।

वहीं, व्यापार मंडल प्रेमनगर के अध्यक्ष राजीव पुंज सहित अन्य व्यापारियों ने बोर्ड के समक्ष अपनी विभिन्न समस्याओं को रखा। बैठक की अध्यक्षता मेजर जनरल जेएस यादव ने की। इस अवसर पर उपाध्यक्ष राजेंद्र कौर सोंधी, सभासद मेघा, मीनू, मधु खत्री, जितेंद्र तनेजा, विनोद पंवार, हितेश गुप्ता, कमलराज आदि उपस्थित रहे।

अतिक्रमण चिह्नित करने को हर जिले के डीएम बनाएंगे कमेटियां

नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य में सार्वजनिक स्थान, गलियों, सड़क पर अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए अतिक्रमण का तीन माह में चिह्नीकरण कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से संबंधित मामले में एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को दिए हैं। अगली सुनवाई 11 फरवरी नियत की गई है।

उधमसिंह नगर जिले के ग्राम रम्पुरा के प्रधान मनमोहन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रम्पुरा के मोहल्ले में मॉडल कॉलोनी बसाई जा रही है। इस कॉलोनी के सभी आवासों के गेट सड़क पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। भवन स्वामियों द्वारा गेट के लिए सड़क पर अतिक्रमण कर दिया गया है, जिसे हटाया जाए।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि एसडीएम की जांच रिपोर्ट में भी अतिक्रमण पाया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद डीएम ऊधमसिंह नगर को सड़क से अतिक्रमण हटाने को कहा है।

याचिकाकर्ता से सभी जिलों के डीएम को पक्षकार बनाने के निर्देश भी जारी किए। कोर्ट ने जिलास्तरीय कमेटियों में राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी शामिल करने के आदेश पारित किए हैं। कमेटी तीन माह के भीतर अतिक्रमण चिह्नीकरण की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

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