उत्तराखण्ड

10 विभागों की 94 सेवायें हैं सेवा अधिकार अधिनियम में : आयुक्त डी एस गब्र्याल

भीमताल/नैनीताल। उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग द्वारा सोमवार को विकास भवन सभागार में सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के सम्बन्ध मे जिले भर के विकास एवं राजस्व अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। आयोग के आयुक्त सेवा निवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस गब्र्याल ने कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर अधिकारियो को सम्बोधित करते हुये उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग का गठन 2014 में किया गया। आयोग ने विभिन्न अधिसूचित सेवाओं जैसे समाज कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृत की जाने वाली छात्रवृत्तियां, विधवा पेंशन, वृद्वावस्था पेंशन, विकलांग पेशन, गौरादेवी कन्या धन योजना, विनियमित क्षेत्र द्वारा मानचित्र स्वीकृति, स्थायी निवास, आय, चरित्र प्रमाण पत्र, सम्पत्ति हस्तारण आदि से सम्बन्धित प्रकरण सेवा का अधिकार अधिनियम में अधिसूचित किये गये है।
श्री गब्र्याल ने कहा कि जनसामान्य की सरलता हेतु 10 विभागो की 94 महत्वपूर्ण सेवायें इस अधिनियम मे अधिसूचित की गई है। इन सेवाओ मे किसी भी प्रकार की जनता की समस्याओ को आयोग प्राप्त शिकायतों अथवा स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही करता है। अतः अधिकारियों को चाहिए कि वह सेवा का अधिकार अधिनियम का भली भांति अध्ययन कर लें तथा उसके अनुरूप आवेदको को तय समयसीमा के भीतर सुविधायें उपलब्ध करायें। उन्होने कहा कि यदि जनसाधारण को सुविधाये देने तथा वांछित समय सीमा मे अभिलेख उपलब्ध ना कराने की दिशा मे आयोग सम्बन्धित विभागीय अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि सुशासन के प्रति राज्य सरकार गम्भीर एवं निरंतर प्रयासरत है। सरकार के इन प्रयासो को प्रबल बनाने के लिए आयोग द्वारा जिला स्तरीय ओरियनटेशन कार्यशाला प्रारम्भ की गई है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग ने जनसामान्य को उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं के विषय मे पारदर्शिता, समयबद्वता तथा जबाव देही सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया है। उन्होने कहा कि प्रशासनिक सुधारो का आशय मूलतयाः नागरिको को सुलभता एव सरलता तथा बिना किसी भेदभाव के सेवाये उपलब्ध कराना है।
सचिव उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग पंकज नैथानी द्वारा उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम 2011, प्राप्त एवं निस्तारित आवेदन पत्र, आयोग के संज्ञान मे आये विशेष मामले एवं संस्तुतियां, अपीलों का पंजीकरण एवं उसके निस्तारण की स्थिति, पदाविहित अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों से अपेक्षायें तथा सिटीजन चार्टर (नागरिक अधिकार पत्र) के विषय मे डाटा प्रैजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी ली। कार्यशाला आयोग के सहायक रजिस्टार बीपी नौडियाल ने भी विचार रखें तथा अधिकारियो का शंकाओ का भी समाधान किया। श्री नौडियाल ने कार्यशाला के माध्यम से पदाभिहित अधिकारियों को आवेदनो की प्राप्ति, उनके सापेक्ष जारी पावती, आवेदनो के निस्तारण, अस्वीकृत आवेदनो के कारणो को लिखित में आवेदक को अभिलिखित किये जाने के बारे में बताया।
कार्यशाला मे मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश चन्द्र, अपरजिलाधिकारी वित्त राजस्व बीएल फिरमाल, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी,उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार, रेखा कोहली, उपश्रमायुक्त अनिल पेटवाल, मुख्य अपर अधिकारी जिला पंचायत हिमाली जोशी, महाप्रबन्धक जलसंस्थान एचके पाण्डे, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी डा0 गुरदेव सिह, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिह, तहसीलदार प्रिंयका रानी, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार,खण्ड विकास अधिकारी संतोष पंत, तारा हृयांकी, चंदा राज,के अलावा बडी संख्या मे विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button