उत्तराखण्ड

सरकार जनता के द्वार के कार्यक्रम के तहत सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने ली समीक्षा बैठक

हरिद्वार: सरकार जनता के द्वार के कार्यक्रम के तहत बीते सोमवार को विकास भवन सभागार में केंद्र व राज्य सरकार की फ्लैगशिप और अन्य विभागीय योजनाओं के संबंध में सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने एक समीक्षा बैठक ली। निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों तक पहुंचे।

बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन व डीईएसटीओ नलिनी ध्यानी आदि अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना/बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, महात्मा गांधी रोजगार गारन्टी योजना, अटल आयुषमान योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, पशुपालन विभाग आदि योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।

सचिव वित्त ने योजनाओं के बजट, खर्च व कार्य की ली जानकारी

सचिव वित्त, निर्वाचन दिलीप जावलकर ने योजनाओं के बजट, खर्च, कार्यों की जानकारी ली और निर्धारित लक्ष्य को समय से प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कहा कि सभी योजनाएं जन-कल्याण से जुड़ी हैं, इसलिए इनकी मॉनिटरिंग करने के साथ ही समय-समय पर समीक्षा भी की जाए। सचिव वित्त ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के बारे में पूछा।

इस पर अधिकारियों ने बताया कि हर तिमाही इस योजना के अन्तर्गत धनराशि किसानों को सीधे उनके खाते में भेजी जाती है।

योजनाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश

सचिव ने अधिकारियों से जानकारी ली कि इस योजना के तहत कितने किसानों का जनपद में ईकेवाईसी व आधार लिंक का कार्य हो गया है। निर्देश दिए कि किन्हीं कारणों से अगर किसी किसान का ईकेवाईसी नहीं हो पाया हैं, तो यथाशीघ्र कराएं। अन्य योजनाओं के संबंध में भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

ग्रामीणों से जानी उनकी समस्या

सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने क्षेत्र भ्रमण के तहत विकासखण्ड भगवानपुर के ग्राम सिकन्दरपुर भैंसवाला में विभिन्न योजनाओं व कार्याें का स्थालीय निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान भी किया।

इस दौरान जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. योगश शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।

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