उत्तराखण्ड

संगम के मामले में जांच के आदेश

देहरादून। संगम ट्रस्ट की आड़ में कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा वर्ग विद्वेष की भावना पैदा कर सरकार के विरूद्ध भड़काने व राजनीतिक गतिविधियों में सक्रियता रखने की शिकायत पर प्रमुख सचिव कार्मिक सुश्री राधा रतूड़ी ने जांच के आदेश दिये हैं।
आर0टी0आई0 समाचार के सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि हरिद्वार के अपर जिलाधिकारी डा0 ललित नरायन मिश्रा एवं सचिवालय के अनुभाग अधिकारी अशोक मिश्रा संगम ट्रस्ट नामक संस्था की आड़ में वर्ग विशेष के विरूद्ध भावनायें भड़का रहे हैं। डा0 मिश्रा आदि द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें वर्ग विशेष के सरकारी अधिकारियों को यह समझाया जा रहा है कि उत्तराखण्ड में सरकार का नेतृत्व पर्वतीय वर्ग के लोगों द्वारा किया जा रहा है अतः उनके वर्ग विशेष को टारगेट कर विजीलेंस के माध्यम से जेल भेजा जा रहा है। विभिन्न बैठकों में यह बताया जा रहा है कि सरकार पर दवाब रखने के लिये उनके वर्ग को भी एक राजनीतिक ताकत बनना होगा।
डा0 मिश्रा संगम विचार मंच नामक एक व्हाट्सैप ग्रुप के एडमिन भी हैं जिसमें 200 से अधिक सरकारी अधिकारियों को जोड़ा गया है। कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव सुश्री राधा रतूड़ी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं। इस मामले की लिखित शिकायत मा0 मुख्यमंत्री, मा0 मुख्य सचिव के साथ-साथ जिलाधिकारी, हरिद्वार को भी भेजी गई है। ज्ञातव्य है कि डा0 मिश्रा व सम्बन्धित अन्य सरकारी कर्मचारियों के उपरोक्त कृत्य उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के नियम 5(1) एवं 5(2) के प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।

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