उत्तराखण्ड
शीतकाल के लिए बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
जोशीमठ। रविवार शाम सात बजकर 28 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। भगवान के दर्शन करने के लिए करीब 3000 से अधिक तीर्थयात्री धाम पहुंच गए हैं। 17 वर्षो में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब शाम के समय बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
शनिवार को धाम में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की। रविवार को दिनभर धाम के कपाट खुले रहेंगे। दिल्ली के एक श्रद्धालु ने करीब बीस क्विंटल गेंदे के फूलों से धाम को सजाया गया है।
कपाट बंद होने से पहले यह धार्मिक प्रक्रिया होगी संपन्न:
बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल मां लक्ष्मी की सखी के रूप में स्त्री वेश धारण कर लक्ष्मी जी को बदरीनाथ गर्भगृह में प्रवेश कराएंगे। इससे पहले गर्भगृह से भगवान उद्धव, कुबेर और गरुड़ जी की उत्सव मूर्तियों को चांदी की डोली में रखा जाएगा। इस दौरान घृत लेप कंबल से भगवान बदरीनाथ और मां लक्ष्मी को ओढ़ा जाएगा। इसके बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
ये हैं कार्यक्रम :
तड़के 4.00 बजे : बदरीनाथ जी का अभिषेक और फूलों से श्रृंगार।
सुबह 5.00 बजे : बदरीनाथ जी की पूजा होगी
सुबह 6.30 बजे–आम श्रद्धालुओं बदरीनाथ के दर्शन करेंगे
सुबह 11.00 बजे–धर्माधिकारी और वेदपाठी स्वस्ति वाचन करेंगे
शाम 03.00 बजे- मुख्य पुजारी रावल स्त्री वेश धारण कर मां लक्ष्मी को गर्भगृह में रखेंगे।
शाम 7.20 बजे : बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी।
शाम 7.28 बजे : बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंग
सुबह 5.00 बजे : बदरीनाथ जी की पूजा होगी
सुबह 6.30 बजे–आम श्रद्धालुओं बदरीनाथ के दर्शन करेंगे
सुबह 11.00 बजे–धर्माधिकारी और वेदपाठी स्वस्ति वाचन करेंगे
शाम 03.00 बजे- मुख्य पुजारी रावल स्त्री वेश धारण कर मां लक्ष्मी को गर्भगृह में रखेंगे।
शाम 7.20 बजे : बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी।
शाम 7.28 बजे : बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंग