उत्तराखण्ड

प्रेमनगर में एक बार और अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स एक्टिव

हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स ने प्रेमनगर क्षेत्र में दोबारा हुए अतिक्रमण पर जेसीबी चलाई। इस दौरान एक पक्का भवन ध्वस्त और नौ दुकानदारों को 24 घंटे में दुकान हटाने का नोटिस जारी किया गया। इस दौरान पूर्व में हटाए गए 71 अतिक्रमणों का सत्यापन कर सही गलत के निशान लगाए गए। शुक्रवार को भी यहां चिह्निकरण और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी।

हाईकोर्ट के आदेश पर टास्क फोर्स ने 15 सितंबर 2018 को प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 155 पक्के निर्माण ध्वस्त किए थे। इसके बाद एक साल तक प्रशासन की टीम यहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। हाईकोर्ट ने दोबारा यहां अतिक्रमण पर रिपोर्ट मांगी तो बुधवार को टास्क फोर्स की टीम पुलिस फोर्स और मशीनरी के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची। प्रशासन की इस कार्रवाई की खिलाफत करने बड़ी संख्या में व्यापारी मुखर हो गए। लेकिन दबी जुंबा तक ही यह विरोध रहा। इसके बाद प्रशासन ने यहां हाईवे से लगी जमीन पर बनाई गई दो पक्की दुकानों को ध्वस्त किया गया। इसके अलावा बड़ी संख्या में मकान, दुकान, होटल, ढाबों के आगे बनाए गए आंगन और पुश्तों को भी ध्वस्त किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहेला ने बताया कि 10 स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण पाया गया। एक ध्वस्त और नौ को नोटिस दिए गए। शुक्रवार को भी यहां अतिक्रमण सत्यापन, चिह्निकरण और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी। इस मौके पर एडीएम रामजीशरण शर्मा, एसपी सिटी श्वेता चौबे, एसडीएम कमलेश मेहता समेत अन्य मौजूद रहे।

105 पर नहीं हुई कार्रवाई 

एक साल पहले अतिक्रमण के खिलाफ चली कार्रवाई के दौरान 155 अतिक्रमण ध्वस्त किए थे। इस दौरान 105 अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं हुई थी। इसमें से अधिकांश प्रेमनगर बाजार से नंदा की चौकी के बीच हैं। इन पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

कैंट बोर्ड भी तोड़ सकता अतिक्रमण 

प्रेमनगर क्षेत्र के जिस हिस्से में अतिक्रमण हुआ है, वह कैंट बोर्ड के अधीन है। गुरुवार को कैंट सीईओ तनु जैन ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी। इस दौरान प्रशासन ने कैंट बोर्ड से कहा कि वह अभियान में शामिल हो सकता है। यदि कैंट की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हो रखा तो उसे हटाया जा सकता है। हालांकि कैंट बोर्ड के पास अतिक्रमण हटाने के अधिकार मौजूद हैं। मगर, पुलिस फोर्स और मशीनरी को  देखते हुए वह इस अभियान में शामिल होने में सुविधा रहेगी।

मानचित्र को लेकर नहीं स्थिति साफ 

प्रेमनगर बाजार में बनी अधिकांश दुकानें कैंट बोर्ड के अधीन है। इन दुकानों का मानचित्र कब और किस नियम पर पास हुआ, इसकी जानकारी प्रशासन को भी नहीं है। खासकर पिछली बार हटाए गए अतिक्रमण की जगह 30 से ज्यादा खोके और कच्ची दुकानें तैयार हो गई हैं। इन दुकानों पर निर्माण कराने की अनुमति किसने दी, यह भी जांच का विषय है।

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