पाकिस्तान ने भी बड़ाई NCR की मुसीबत, प्रदूषण से रेड जोन में आया पूरा गाजियाबाद
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा दमघोंटू होने लगी है। पराली जलाने की घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि के कारण सोमवार को गाजियाबाद सहित दिल्ली के नौ इलाके रेड जोन में आ गए। इन सभी जगह एयर इंडेक्स 300 का आंकड़ा पार कर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली का एयर इंडेक्स भी बीते आठ माह में सर्वाधिक दर्ज हुआ। इसके अलावा हरियाणा के कुरुक्षेत्र एवं पानीपत और उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की हवा भी सोमवार को बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। मंगलवार को दिल्ली के आइटीओ पर वायु गुणवत्ता स्तर 332 पहुंच गया।
वहीं, इस बाबत केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को इस सीजन के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए। दूसरी तरफ हवा की गति भी महज चार किलोमीटर प्रति घंटा चल रही है। इस वजह से प्रदूषक तत्व हवा में जमने लगे हैं और उड़ नहीं पा रहे। मंगलवार को भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है। वहीं, बुधवार को हवा की गति बढ़कर आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटा होने पर इस प्रदूषण में कुछ कमी आने का पूर्वानुमान है। सोमवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 261 दर्ज हुआ। 26 फरवरी के बाद यह अब तक का सबसे ज्यादा है। तब यह 274 रहा था। पीएम 2.5 और पीएम-10 का स्तर भी सोमवार को इस सीजन का सर्वाधिक दर्ज हुआ।
सफर इंडिया के मुताबिक पीएम-2.5 सोमवार को 102 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तथा पीएम-10 का स्तर 210 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। पूर्वी, बाहरी और मध्य दिल्ली के नौ इलाकों का एयर इंडेक्स भी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया।
सोमवार को दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स शहर एयर इंडेक्स श्रेणी
दिल्ली 261 मध्यम फरीदाबाद 224 मध्यम गाजियाबाद 302 खराब ग्रेटर नोएडा 292 मध्यम गुरुग्राम 259 मध्यम नोएडा 274 मध्यम
सोमवार को दिल्ली के नौ सर्वाधिक प्रदूषित इलाके इलाका एयर इंडेक्स श्रेणी
आनंद विहार 307 बहुत खराब बवाना 306 बहुत खराब डीटीयू 307 बहुत खराब आइटीओ 313 बहुत खराब पटपड़गंज 307 बहुत खराब विवेक विहार 354 बहुत खराब वजीरपुर 304 बहुत खराब अशोक विहार 302 बहुत खराब जहांगीरपुरी 320 बहुत खराब
भूरेलाल (अध्यक्ष, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए)। का कहना है कि पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं पा रही है, ऐसे में प्रदूषण बढ़ना स्वाभाविक है। 15 अक्टूबर से दिल्ली- एनसीआर में ग्रेप लागू हो जाएगा। इसके साथ ही एयर इंडेक्स के स्तर के अनुरूप कई स्तरों पर पाबंदियां भी लग जाएंगी। इसके अलावा सीपीसीबी की टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर कुछ और सख्त निर्णय भी लिए जा सकते हैं।