उत्तराखण्ड

जोशीमठ स्थित एनटीपीसी के दफ्तर में परियोजना के शीर्ष अफसरों ने मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम को किया सम्बोधित

जोशीमठ स्थित एनटीपीसी के दफ्तर में परियोजना के शीर्ष अफसरों ने मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम को किया सम्बोधित

देहरादून। तपोवन विष्णुगाड परियोजना का निर्माण कर रही देश की नवरत्न कंपनी एनटीपीसी के अधिकारियों ने ठोस तथ्यों के साथ दावा किया कि जोशीमठ भू-धंसाव से निर्माणाधीन टनल का कोई लिंक नहीं है। जोशीमठ भू-धंसाव के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए एनटीपीसी के सीजीएम राजेंद्र प्रसाद अहिरवार और अपर महाप्रबंधक (भू विज्ञान) भुवनेश कुमार ने कहा कि परियोजना के निर्माण से जोशीमठ भू-धंसाव का कोई लेना देना नहीं है। परियोजना का करीब 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। अब सिर्फ 25 फीसद कार्य शेष रह गया था, जो पिछले कुछ माह से बंद होने के चलते कम्पनी को करोड़ों का नुकसान और हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।

जोशीमठ स्थित एनटीपीसी के दफ्तर में परियोजना के शीर्ष अफसरों ने मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित किया।  कार्यक्रम की शुरुआत अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) उमेश कुमार ने सभी का परिचय के साथ किया। इस दौरान मुख्यमहाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहिरवार ने सभी पत्रकारों को परियोजना की वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराया। मुख्य महाप्रबंधक ने सभी पत्रकारों के प्रश्नों के यथोचित उत्तर देकर सभी से वास्तविक स्थिति को सभी तक पहुँचाने का आवाहन किया। कहा कि जोशीमठ भू धंसाव को एनटीपीसी की टनल से जोड़ना गलत है। उन्होंने तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। अपर महाप्रबंधक (भू विज्ञान) भुवनेश कुमार जी ने परोयोजना की निर्माणाधीन एचआरटी से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी और कहा कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन टनल से जोशीमठ भू धँसाव नहीं हो रहा है। उनका कहना है की जोशीमठ से एक किलोमीटर औली की तरफ निर्माणाधीन टर्नल का काम चल रहा है। टनल में जो टीवीएम मशीन फंसी है वह जोशीमठ से 11 किलोमीटर दूर परसारी गाँव के पास है।ऐसे में एनटीपीसी की निर्माणाधीन टनल के अंदर का पानी का जोशीमठ तक रिसाव की दूर दूर तक संभावना नहीं है।

97 दिन से परियोजना का काम बंद

जोशीमठ भू धँसाव के कारण एनटीपीसी का काम 5 जनवरी से ठप्प पड़ा हुआ है। यानी कि आज 10 अप्रैल को 97 दिन हो चुके हैं। कंपनी के कार्य बंद होने से एनटीपीसी को करोड़ों का नुकसान से गुजरना पड़ रहा है।

520 मेगावाट की यह परियोजना

एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट 75 प्रतिशत बन कर तैयार हो गया है। परियोजना पर अब तक 6 हजार करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। जोशीमठ आपदा के कारण एनटीपीसी के कार्य बंद होने से अब तक कंपनी को 5 सौ करोड़ से अधिक का नुक़सान हो चुका है। कंपनी के कार्य बंद होने से एक हज़ार से अधिक कर्मचारीयों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

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