गजब: 61 एंबुलेंस चलाईं नहीं, 50 और मंगा रहे
देहरादून : प्रदेश में 108 एंबुलेंस की खरीद को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में गजब तेजी देखने को मिल रही है। आलम यह है कि पहले मंगाई गई 61 एंबुलेंस चार माह से स्वास्थ्य महानिदेशालय में खड़ी धूल फांक रही हैं। वहीं, अब एक बार फिर 50 नई गाड़ियों का टेंडर कर दिया गया है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं लचर हाल में हैं। वहीं विभाग की अनदेखी और देरी इसे और बदतर बनाने का काम कर रही है। 108 के बेड़े में शामिल अधिकांश एंबुलेंस के बुरे हाल हैं। इनमें ज्यादातर गाड़ियां कंडम हो चुकी हैं। अधिकारियों की अनदेखी का आलम यह है कि स्वास्थ्य महानिदेशालय में नई एंबुलेंस बीते चार माह से खड़ी है। कारण इनके फैब्रिकेशन का काम न होना है।
दरअसल सरकार को एक साल पूरा होने पर परेड मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने नई एंबुलेंस को फ्लैग ऑफ किया था। इसके बाद से एंबुलेंस स्वास्थ्य महानिदेशालय में खड़ी धूल फांक रही हैं। यह 61 एंबुलेंस सड़कों पर उतारी ही नहीं गई। उस पर अब 50 एंबुलेंस का टेंडर विभाग ने कर दिया है। ऐसे में अधिकारियों की दिलचस्पी खरीद को लेकर कितनी है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत का कहना है कि पूर्व में खरीदे गए वाहनों का फैब्रिकेशन का टेंडर हो गया है। करीब दो माह के भीतर यह वाहन सड़क पर उतर जाएंगे। 108 के बेड़े में शामिल अधिकांश एंबुलेंस पुराने हो चुके हैं। ऐसे में 50 और नए वाहन आ जाने से 108 सेवा को ही फायदा होगा।
पहले महंगी अब सस्ती पड़ रही गाडिय़ां: स्वास्थ्य महकमे में उपकरणों की खरीद पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। वर्ष 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट में प्रदेश के विभिन्न जिलों स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आ चुका है। इन अनियमिताओं पर लगाम लगाने के लिए ही कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने सभी विभागों को उपकरण व अन्य समान की खरीद जीईएम (गवर्मेट ई मार्केट प्लेस) के जरिये करने को कहा था।