कैंची धाम का आज 59वां स्थापना दिवस है और ऐसे में नीम करोली बाबा के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ा पड़ा है। इस बार का कैंची मेला ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसका अंदाजा कैंची मेले से एक दिन पहले बुधवार शाम पहुंचे बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं को देखकर लगाया जा सकता है। देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने रात भर हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही बाबा के जयकारों से कैंची धाम गूंज उठा।
आज गुरुवार सुबह दो बजे से मंदिर में भक्तों की कतार लगी हुई है। बाबा के जयकारों के साथ कैंची धाम गूंज उठा। कैंची धाम में सुबह 5 बजे पूजा अर्चना के बाद बाबा नीम करौली महाराज को भोग लगाने के बाद कैंची मंदिर के द्वार खोलने के साथ श्रद्धालुओं को मालपुओं का प्रसाद बांटना शुरू किया गया। सुबह 7.30 बजे तीन किमी दूर तक श्रद्धालुओं की कतार पहुंच गई।
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख पुलिस प्रशासन की टीम भीड़ को व्यवस्थित करने में जुटी रही। कुमाऊं आईजी नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी पंकज भट्ट, एस पी सिटी हरबंश सिंह, मेला प्रभारी उमेश मलिक, कौश्या कटोली एसडीएम परितोष वर्मा, एसडीएम योगेश सिंह मेहरा सुबह 7 बजे से ही मंदिर में मेले को व्यवस्थित करने में लगे रहे। साथ ही श्रद्धालुओं की कतार को व्यवस्थित करने के लिए वॉलिंटियर की टीम भी लगी रही।
श्रद्वालु हनुमान चालीसा के पाठ के साथ बाबा के जयकारों के साथ बारी-बारी से मंदिर परिसर में प्रवेश करने के साथ बाबा के दर्शन के साथ प्रसाद लेकर पिछले द्वार से वापस लौटते रहे।
पुलिस प्रशासन की ओर से भवाली से ही श्रद्धालुओं को शटल सेवा के माध्यम से कैंची तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं क्वारब से श्रद्धालुओं को पनीराम ढाबे के पास शटल सेवा से छोड़ा जा रहा है।
मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि समिति की ओर से 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया। बुधवार को सुबह से शाम तक मंदिर के अंदर बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालु बाबा के जयकारों के साथ दर्शन करते रहे। साथ ही सड़क किनारे खड़े होकर श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर बाबा का आशीर्वाद लिया।
वहीं श्रद्धालु बृहस्पतिवार को बाबा के दर्शन और प्रसाद के लिए रात भर खुले आसमान और टेंट में आराम करते नजर आए। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की आवाजाही से चहल-पहल रही। इससे स्थानीय पर्यटन कारोबारी और व्यापारी भी खुश नजर आए। मंदिर समिति से जुड़े भक्त रात भर व्यवस्थाएं बनाने में जुटे रहे।