होली में सेहत का खास ख्याल रखें गर्भवती महिलाएंः डा. सुजाता संजय

देहरादून। होली के रंग उत्साह देते हैं, जिंदगी को नई उमंग देते हैं। होली खुशियों और मस्ती से भरपूर त्यौहार है, लाजिमी है तो भला इस खुशी और उमंग से गर्भवती महिलाएं क्यों पीछे रहें। गर्भावस्था के दौरान भी महिलाएं रंगों से सराबोर होना और दूसरे को भिगोना चाहेंगी। इसमें कोई हर्ज नहीं है, मगर थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है, ताकि त्यौहार का मजा किरकिरा न होने पाए। कोरोना के कारण इस बार होली पर आपको बहुत सावधानियां बरतनी पड़ेगी और अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपके लिए तो यह लिस्ट थोड़ी और लंबी होने वाली है। होली एक ऐसा खुशियों और मस्ती से भरा हुआ त्यौहार है, जिसका हर कोई अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ लुत्फ उठाना चाहता है। वही गर्भवती महिलाओं को खान-पान का भी खास ख्याल रखना बेहद आवश्यक है। संजय आॅर्थेापीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ0 सुजाता संजय का मानना है कि गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिस कारण बीमारी और संक्रमण बढ़ जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान रासायनिक रंगों से होली खेलने से महिलाओं को शारीरिक तौर पर प्रभावित होना पड़ सकता है। ऐसे में रासायनिक रंगों से दूर रहना ही फायदेमंद होगा, क्योंकि ये पदार्थ एसिड, माइका, ग्लास पाउडर, लेड, बेंजीन तथा एरोमेटिक कंपाउंड के जरिए बनाए जाते हैं। कभी-कभी रंगों को बनाने के लिए डाई का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे पदार्थ तंत्रिका तंत्र, गुर्दे तथा जनन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
डाॅ0 सुजाता संजय  कहा, वे लोग जो 2 हफ्ते या इससे पहले वैक्सीन का डोज लगवा चुके है, वे सावधानी के साथ होली खेल सकते हैं। जबकि अन्य लोग जैसे कि बुजुर्ग, 45 साल से ज्यादा उम्र के कोमोर्बिडीटी वाले लोग, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाएं अगर भीड़भाड़ वाली खेलती हैं, तो उन्हें कोविड-19 और वायरल इन्फ्लुएंजा से पीड़ित होने का ज्यादा खतरा है। जो लोग हाल ही में रिकवर हुए हैं या जिन्होंने वैक्सीन लगवाई और जिनमें अच्छे एंटीबॉडी हैं, वे खुले, हवादार  क्षेत्र में मास्क लगाकर सूखी होली खेल सकते हैं। उन्हें यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी बंद वातावरण में होली न खेलें और किसी भी समय मास्क न निकालें। डाॅ0 सुजाता संजय कुछ सावधानी बरतने की सलाह देती  इस साल हमें होली खेलते हुए ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि कोविड के केसेस भारत में फिर से बढ़ रहे हैं। हमारा लापरवाह व्यवहार कई लोगों की जिंदगियों को खतरे में डाल सकता है। सावधानी बरते ताकि गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य न बिगड़े और उनमें त्यौहार का उत्साह बना रहे। उनका कहना हैं कि सावधानी न बरतने पर समय से पहले बच्चे का जन्म होना, जन्म के दौरान बच्चे के वजन में कमी तथा गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनका सुझाव है कि गर्भवती महिलाएं हर्बल के रंगों से खेल सकती हैं, जो फलों तथा फूलों के द्वारा बनाई जाती है। याद रखें, होली खेलना एक तरह का मनोरंजन है। मगर गर्भवतियों को ध्यान रखना चाहिए कि अब सिर्फ आप नहीं हैं, आपके साथ एक नन्हीं जिंदगी भी है, जिसका पूरा ख्याल रखना है। होली खेलते वक्त पानी से दूर रहें, क्योंकि आप फिसल सकती है। फिसलने पर बच्चे के लिए बहुत सी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। डाॅ0 सुजाता साफ तौर पर शराब जैसी पदार्थ के सेवन को मना करती। यंू तो केमिकल युक्त रंग और मिलावटी मिठाइयां किसी के लिए खतरनाक हो सकती हैं पर गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है ये चीजें गर्भवती महिला और  उसके गर्भ में पल रहे बच्चे, दोनों ही के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। रंग और मिठाइयां गर्भपात का कारण भी बन सकते हैं। अगर आप पर किसी ने गीला या रसायन युक्त रंग डाल दिया है तो तुरंत अपने चेहरे को साफ पानी से धोएं। रंगों को हटाने के लिए हर्बल चीजों का ही इस्तेमाल करें। रंग लगी त्वचा पर जलन, सूखापन तथा फंुसी हो जाए तो डाॅक्टर से जांच करवाएं। अपनी आंखों को रंग व गुलाल से बचाएं।

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