भाजपा ओबीसी मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी होंगे शामिल
लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर हर मोर्चे पर अपने को मजबूत करने के अभियान में डटी है। भाजपा पिछड़ा मोर्चा की कार्यकारिणी बैठक अयोध्या में तो किसान मोर्चा का सम्मेलन चित्रकूट में करने की तैयारी की जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश ने रामनगरी अयोध्या में 18 सितंबर को भाजपा ओबीसी मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन रखा है। इसमें भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी शामिल होंगे।
भाजपा ओबीसी मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इनके साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण और उत्तर प्रदेश के सभी ओबीसी सांसद और विधायक भी भाग लेंगे। भाजपा का फोकस उत्तर प्रदेश के करीब 40 प्रतिशत ओबीसी वोट पर टिका है। यह बैठक भाजपा उत्तर प्रदेश के लिए काफी अहम है।
भाजपा के प्रदेश अध्यत्र स्वतंत्र देव सिंह ने भी ओबीसी वर्ग को अपने पाले में लेने के लिए प्लान किया है। भाजपा को पिछले चुनावों में इस ओबीसी समुदाय का समर्थन मिला था, मगर पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ओबीसी समुदाय 2022 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा का समर्थन करता रहे। इस बार ओबीसी पर भाजपा का अधिक ज्यादा फोकस इसलिए भी है, क्योंकि पार्टी को लग रहा है कि बसपा मुखिया मायावती ब्राह्मण वोटरों में सेंधमारी की कोशिश में जुटी हुई हैं। ऐसे में भाजपा ओबीसी को अपने पाले में लाना चाहती है।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश को अपने पाले में लाने की बड़ी चाल पहले ही चल दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के हालिया विस्तार में ओबीसी समुदायों के कई नेताओं को शामिल किया गया। अनुप्रिया पटेल और पंकज चौधरी जैसे कुॢमयों को भी शामिल किया गया। मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व मिले। सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है और केंद्रीय मंत्रिमंडल में समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व दिया है। मंत्रियों के लिए जन आशीर्वाद यात्रा आयोजित भी की।
प्रदेश में सियासी समीकरणों को देखते हुए भाजपा इस बार पहले से बेहतर तरीके से मंडल और कमंडल दोनों समुदाय के वोटरों को साधने की कोशिश में है। प्रदेश में ओबीसी मतदाताओं में यादव व कुर्मियों के साथ अन्य जातियां भी अब राजनीति में बेहद सक्रिय है। यह समुदाय राज्य में सबसे प्रभावशाली समुदायों में से एक है।