उत्तराखण्ड

लंबा सफर तय कर मसूरी पहुंची विंटेज कारें, रैली में शामिल हैं इतनी कारें

मसूरी: 21 सितंबर को दिल्ली से रवाना हुई हिमालयन चैलेंज-2018 विंटेज कार रैली में शामिल 47 कारें लगभग 1500 किमी की दूरी तय करने के बाद रविवार शाम मसूरी पहुंचीं। ये विंटेज कारें 44 से 94 साल पुरानी हैं और सभी प्रतिभागी यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया से रैली में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

सोमवार सुबह रैली मसूरी से चंबा (टिहरी) होते हुए ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। जहां से रैली रुद्रप्रयाग, नैनीताल से नेपाल के पोखरा, काठमांडू, चितवन नेशनल पार्क से फिर लखनऊ होते हुए 11 अक्टूबर को लगभग 6000 किमी दूरी तय करने के बाद आगरा में समाप्त होगी।
रविवार सुबह रैली शिमला से पांवटा साहिब, हरबर्टपुर, देहरादून होते हुए साढ़े चार बजे बार्लोगंज, मसूरी के होटल जेपी रेजीडेंसी पहुंची। रैली में नौ कार 1925-1931 मॉडल की हैं। जिसमें 1925 मॉडल 5300 सीसी की बेंटले, 1928 और 1929 मॉडल बेंटले, 1931 मॉडल शायसर कार, 1932 मॉडल रॉकनी सिक्स, 1936 मॉडल बेंटले डर्बी, 1938 मॉडल फोर्ड शामिल हैं। 1958 मॉडल मॉरिस ऑक्सफोर्ड, 1958 मॉडल मॉर्गन प्लस, 1965 मॉडल पोर्शे, 1965 मॉडल वॉल्वो अमेजन, 1955 मॉडल शेवरोलेट, 1959 की मर्सिडीज बेंज, 1971 की डैटसन, 1975 मॉडल अंबेसेडर आदि शामिल हैं। रैली में शामिल अधिकांश प्रतिभागी ग्रेट ब्रिटेन से हैं।

अन्य संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, पोलैंड, नार्वे, आस्ट्रिया, डेनमार्क, चेक गणराज्य आदि देशों से हैं। रैली के संयोजक लोकेश बत्ता ने बताया कि अमेरिका बेस्ड भारतीय कंपनी इंडोरेंस रैली एसोसिएशन और पी. एडवेंचर्स के संयुक्त तत्वावधान में इस रैली का आयोजन किया गया है। इंडोरेंस रैली एसोसिएशन 50 से अधिक देशों में 60 से अधिक रैलियों का सफलतापूर्वक आयोजन करवा चुका है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए। अमेरिकी प्रतिभागी मांटे गिंगरे ने बताया कि दिल्ली से शिमला और वहां से मसूरी तक का सफर बहुत बढ़िया रहा। भारतीय सड़कें भी ठीक हैं, सिर्फ शहरों में यातायात बहुत ज्यादा है, जिससे थोड़ी परेशानी अवश्य हुई। मनाली में बारिश होने से रैली का मार्ग बदलना पड़ा।

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