छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्चों को ले गए अभिभावक, स्कूल में सन्नाटा
विकासनगर, देहरादून: थाना सहसपुर अंतर्गत भाऊवाला के जीआरडी पब्लिक स्कूल में 10वीं की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म होने और प्रबंधन द्वारा मामले को दबाने के प्रयास के बाद अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं। हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को अभिभावक घर ले गए हैं। अब स्कूल परिसर में सन्नाटा पसर गया है। उधर, सामाजिक संगठनों का विरोध-प्रदर्शन भी जारी है। संगठन स्कूल की मान्यता रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
बता दें कि 14 अगस्त को भाऊवाला के एक बोर्डिंग स्कूल में दसवीं की छात्रा के साथ स्कूल के ही चार छात्रों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। तबीयत खराब होने पर पीड़िता ने पूरा मामला स्कूल प्रबंधन को बताया, लेकिन प्रबंधन ने परिजनों व पुलिस को घटना की जानकारी देने की बजाय पीडि़ता को ही चुप रहने को कहा।
प्रबंधन ने छात्रा का राजपुर रोड स्थित एक नर्सिंग होम में उपचार कराया तो छात्रा के गर्भवती होने का पता चला, प्रबंधन ने इसके बाद भी संगीन अपराध की जानकारी न पीड़िता के परिजनों को दी और न ही पुलिस को, बल्कि छात्रा का गर्भपात करा दिया था।
मामले की जानकारी होने पर पीड़िता के पिता ने थाना सहसपुर में तहरीर दी, पुलिस ने स्कूल के प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा, निदेशक लता गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी दीपक, प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी तन्नू, आया मंजू के खिलाफ साक्ष्य छिपाने व पोक्सो अधिनियम व दुष्कर्म के आरोपित नाबालिग छात्रों के खिलाफ दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ की।
पुलिस ने जब छात्रों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की तो दुष्कर्म का आरोपित सर्वजीत बालिग पाया गया। इस घटना के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हुए अभिभावक बच्चों को अपने साथ ले गए हैं। स्कूल में कुल 350 बच्चे अध्ययनरत थे, जबकि दोनों हॉस्टल में 52 बच्चे रहते थे। सभी बच्चों को अभिावक अपने साथ ले गए हैं और स्कूल में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।
पीड़िता के गर्भपात की पुष्टि, पुलिस ने बढ़ाई धारा
दून के बोर्डिग स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिग छात्रा के गर्भपात की भी पुष्टि हो गई। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सहसपुर पुलिस ने मुकदमे में गर्भपात की भी धारा बढ़ा दी। इसके साथ ही प्रबंधन पर अपराधियों को संरक्षण देने की भी धारा बढ़ा दी गई है।
देहरादून के भाऊवाला स्थित जीआरडी ऐकेडमी में हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा से 14 अगस्त को सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। जिसके बाद छात्रा गर्भवती हो गई थी। इस बात का पता चलने पर प्रबंधन ने दुष्कर्म के आरोपित छात्रों को पुलिस के सुपुर्द करने की बजाय उल्टे छात्रा को धमकाना शुरू कर दिया।
जांच में सामने आया कि स्कूल की निदेशक लता गुप्ता के कहने में आकर प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा की पत्नी और आया मंजू ने छात्रा को देसी नुस्खे से तैयार दवा पिला दी, जिससे छात्रा को रक्तस्राव शुरू हो गया।
इसी के बाद तबीयत बिगड़ने पर प्रबंधन छात्रा को राजपुर रोड स्थित निजी नर्सिग होम में ले गया था, जहां उसका उपचार हुआ। अब जबकि छात्रा की विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मिल गई है और उसमें इस बात की पुष्टि भी हो गई है कि छात्रा का गर्भपात कराया गया था।
पुलिस ने मुकदमे में भारतीय दंड संहिता की गर्भपात की धारा व अपराधियों को संरक्षण देने की धारा के साथ पोक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ दी है। पोक्सो की इस धारा में किसी संस्था में नाबालिग के यौन शोषण करने के अपराध में सजा का प्रावधान है।
नहीं है डीएनए सैंपल लेने का आधार
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि गर्भपात की पुष्टि हो जाने के बाद सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित छात्रों के डीएनए सैंपल लेने का कोई आधार नहीं रह गया है। अब तक के घटनाक्रम के अनुसार धाराएं बढ़ा दी गई हैं। जल्द ही इस मामले में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा।
जीआरडी स्कूल के खिलाफ हिजामं ने किया प्रदर्शन
भाऊवाला स्थित जीआरडी पब्लिक स्कूल में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म व स्कूल प्रबंधन द्वारा साक्ष्य छुपाने की कोशिश से आक्रोशित हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को स्कूल के मुख्य गेट पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए शिक्षा विभाग से कॉलेज की मान्यता रद करने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने घटना को शर्मनाक बताया, वहीं, स्कूल प्रबंधन द्वारा घटना को छिपाने पर तमाम सवाल खड़े किए।
हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष मंगला प्रसाद उनियाल के नेतृत्व में भाऊवाला के बोर्डिंग कॉलेज पहुंचे कार्यकर्ताओं ने गेट पर नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जिलाध्यक्ष ने कहा बोर्डिंग स्कूल में इस तरह की घटना से छात्राओं की सुरक्षा पर ही सवालिया निशान लग गया है। कहा कि घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पीड़ित छात्रा को प्रताड़ित किया जाना प्रबंधन की संवेदनहीनता है। इससे अन्य छात्राओं में भी असुरक्षा की भावना पैदा होगी।
हिजामं के प्रदेश मंत्री रजनेश ध्यानी ने कहा कि बोर्डिंग कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना से पूरे क्षेत्र की छवि धूमिल हुई है। साथ ही प्रबंधन द्वारा घटना को छुपाने की कोशिश के चलते अभिभावकों में क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों के प्रति गलत छवि बन रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग से कॉलेज की मान्यता समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि सहसपुर पुलिस द्वारा इस मामले में कड़ी कार्रवाई किए जाने से ही निजी शिक्षण संस्थान प्रबंधनों पर नकेल कसेगी और स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी में कोताही नहीं बरतेगा।
साथ ही उनमें छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता पैदा होगी। प्रदर्शन करने वालों में जिला महामंत्री सुभाष सैनी, संतवीर सिंह राणा, रंजीत स्वामी, भूपेंद्र राठौर, प्यार सिंह, महेंद्र सिंह, अमित ममगाईं आदि शामिल रहे।