उत्तराखण्ड

सिलक्यारा सुरंग हादसे पर नितिन गडकरी ने दिए जवाब,17 दिनों तक फंसे थे 41 श्रमिक

 उत्तरकाशी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पिछले वर्ष 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में हुई घटना की जांच चल रही है। सुरंग के ढहने के कारणों की जांच के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की समिति गठित की है। समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट 22 दिसंबर 2023 को मंत्रालय को दी थी।

समिति की अंतिम सिफारिशों के आधार पर दोषी ठेकेदारों, कंपनी और सुरंग ढहने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की ओर से ठेकेदार, प्राधिकरण के अभियंता, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट परामर्शदाता और परियोजना की देखरेख करने वाले क्षेत्रीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 25 जुलाई को लोकसभा में आरा (बिहार) से भाकपा (माले) के सांसद सुदामा प्रसाद के प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी।
दो महीने का बोनस और वेतन के अलावा दो लाख रुपये की धनराशि

नितिन गडकरी ने श्रमिकों की वित्तीय सहायता के बारे में सदन को बताया कि सुरंग के अंदर फंसे प्रत्येक श्रमिक को ठेकेदार की ओर से दो महीने का बोनस और वेतन के अलावा दो लाख रुपये की धनराशि दी गई। उत्तराखंड सरकार ने भी सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

मंत्री ने यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) का गठन किया है। समिति को संपूर्ण हिमालयी घाटियों पर चारधाम परियोजना के संचयी और स्वतंत्र प्रभाव पर विचार करने और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने का दायित्व सौंपा गया है।

समिति में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, भारतीय वन्यजीव संस्थान, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, केंद्रीय मृदा संरक्षण अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, वन अनुसंधान संस्थान के प्रतिनिधि और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।

17 दिनों तक फंसे रहे 41 श्रमिक

चारधाम परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और पोलगांव के बीच निर्माण चल रहा है। पिछले साल 12 नवंबर को इस सुरंग में भूस्खलन हुआ था, जिसमें 41 श्रमिक 17 दिनों तक फंसे रहे। हालांकि उन्हें सकुशल निकाल लिया गया।

इस सुरंग का काम मार्च 2024 में पूरा होना था, लेकिन अब तक भूस्खलन का मलबा नहीं हट पाया है। इस मलबे को केमिकल की मदद से ठोस स्थिति में बदला गया। मलबे को हटाने के लिए तीन ड्रिफ्ट टनल बनाई जानी है। इस सुरंग के निर्माण में समय लगना तय है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button