हरिद्वार कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े के मामले में शासन ने निलंबित चल रहे डाक्टरों को चार्जशीट जारी कर दी गई
शासन ने कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े के मामले में निलंबित चल रहे तत्कालीन मेला स्वास्थ्य अधिकारी डा अर्जुन सिंह सेंगर और तत्कालीन प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनके त्यागी को चार्जशीट जारी कर दी है। दोनों को 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष शासन के समक्ष रखने को कहा गया है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी की ओर से दोनों को आरोपपत्र जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में इसी वर्ष अप्रैल में हुए कुंभ मेले के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य किया था। साथ ही हरिद्वार जिले की सीमा पर भी कोरोना की आरटीपीसीआर और एंटीजन जांच की व्यवस्था की गई थी। जांच के लिए 24 सरकारी व निजी लैब को अधिकृत किया गया। जांच में फर्जीवाड़े की बात तब सामने आई, जब फरीदकोट (पंजाब) के एक व्यक्ति के मोबाइल पर हरिद्वार में कोरोना जांच कराने की रिपोर्ट आई, जबकि वह न तो हरिद्वार गए और न ही उनकी कहीं कोरोना जांच हुई थी।
आइसीएमआर के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार ने मामले की जांच कराई। जांच में आरोपितों की रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने वाली फर्मों के साथ गठजोड़ की बात सामने आई। रिपोर्ट में बिना जांच किए ही फर्मों को भुगतान करने का भी जिक्र किया गया है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दोषी माना गया।
इस पर सरकार ने तत्कालीन मेला स्वास्थ्य अधिकारी और प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य को निलंबित करते हुए इस मामले में विभागीय जांच बिठा दी। यह जांच निदेशक गढ़वाल डा भारती राणा को सौंपी गई है। वहीं, अब शासन ने दोनों निलंबित अधिकारियों को चार्जशीट सौंप दी है। चार्जशीट का जवाब मिलने के बाद इसका परीक्षण किया जाएगा और गुणदोष के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।