देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह पर आरोप लगाना कि वह जिहादियों की कठपुतली बनकर उनके इशारे पर काम कर रहे हैं और थाना और एसएसपी कार्यालय जेहादी चला रहे हैं
आरटीआई, मानवाधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर की गई कि :-
दिनांक 26/9/2024 को बदायूं की एक किशोरी अपने एक दोस्त से मिलने के लिए देहरादून आई थी। उसका यह दोस्त भी बदायूं का ही रहने वाला था। इसकी भनक एक पक्ष को लगी तो उन्होंने युवक की पिटाई कर दी। इस बात से गुस्साए दूसरे पक्ष के लोग भी वहां आ गए। दोनों पक्ष आमने- सामने आए। पुलिस ने मामले को संभालने की कोशिश की तो दोनों ओर से पथराव किया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों के करीब 100 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें दोनों पक्षों के 15 लोग नामजद भी थे।पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पता चला कि पुलिस ने बजरंग दल के नेता विकास वर्मा को भी हिरासत में लिया है। जैसे ही इसकी भनक व्यापारियों को लगी तो उन्होंने बाजार बंद कर दिया। व्यापारियों और अन्य लोगों ने घंटाघर पर भी जाम लगा दिया।घंटाघर पर जाम लगाने के आरोप में 400 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
दिनांक 27/7/2024 को जाम के दौरान सबसे आगे चश्मा लगाए बैठा एक व्यक्ति अपने भाषण में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगा रहा है कि एसएसपी देहरादून अजय सिंह जिहादियों की कठपुतली बनकर उनके इशारे पर काम कर रहे हैं, थाना और एसएसपी कार्यालय जेहादी चला रहे हैं।
भाषण देने वाले व्यक्ति द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह, एसएसपी कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों और थाना चलाने वाले व्यक्तियों पर उनके सम्बन्ध जेहादियों से बताने संबंधी आराेप लगाएं है, यह बहुत ही ज्यादा गम्भीर आरोप है।
अत: माननीय महोदय जी से निवेदन हैं कि यह मामला बहुत ही गम्भीर है,क्योंकि सम्बंधित व्यक्ति द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह, एसएसपी कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों,कर्मचारियों और थाना चलाने वाले व्यक्तियों पर उनके सम्बन्ध जेहादियों से बताने संबंधी आराेप लगाएं है, अगर यह आरोप सच है तो यह एक बहुत ही गंभीर बात है अगर नहीं तो यह स्पष्ट रूप से पुलिस का मनोबल तोड़ने के साथ ही उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है इसलिए सम्बंधित व्यक्ति से जो आरोप उसके द्वारा लगाए गए हैं, उनकी जांच हेतु किसी वरिष्ठ उच्चाधिकारी को निर्देशित करने की कृपा करें कि आरोप लगाने वाले सम्बंधित व्यक्ति से दस्तावेज़ मंगवा जांच कर कार्यवाही की जाएं, क्योंकि एसएसपी स्वयं पर लगे आरोपों की जांच कैसे कर सकते हैं,जनहित,राज्यहित में कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि पता चला सके कि यह सच्च है या झूठ।
मानवाधिकार आयोग के सदस्य आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र को नोटिस जारी कर आदेश जारी किए गए।
आदेश-
शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी ने बदायूं की एक किशोरी के अपने मित्र से मिलने देहरादून आने पर दो पक्षों के बीच आपसी पथराव होने, एक पक्ष द्वारा घटना के दूसरे दिन घंटाघर पर जाम लगाने तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून के जिहादियों की कठपुतली बनकर कार्य करने के आरोप लगाने के सम्बन्ध में शिकायत प्रस्तुत की है।
शिकायत की प्रति पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र को भेजी जाये कि वे इस सम्बन्ध में किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराकर अपनी आख्या आगामी सुनवाई की दिनांक तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।
विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किये जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर दिये जायेंगे।