उत्तराखण्ड

नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ अनारक्षित वर्गों ने खोला मोर्चा, 17 जून को विशाल रैली

(सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा)
देहरादून। अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले अनारक्षित वर्गों ने नरेन्द्र मोदी सरकार के उन इरादों के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है जिसमें भारत सरकार विधेयक के माध्यम से पदोन्नति में आरक्षण एवं एस0सी0/एस0टी0 के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने की तैयारी में है।

-17 जून की रैली को ऐतिहासिक बनाने हेतु बनाई रणनीति
मोदी सरकार के इरादों के विरूद्ध समानता मंच द्वारा 17 जून को विशाल रैली आहूत की गई है जिसे ऐतिहासिक बनाने के लिये बैठकों का दौर जारी है। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई जिसमें तय किया गया कि रैली की सफलता के लिये आगामी 10 जून से 16 जून तक प्रतिदिन शाम पांच बजे से आठ बजे मंच के सदस्य गांधी पार्क पर एकत्रित होकर जनजागरण कार्यक्रम के तहत आम जनता एवं बुद्धिजीवियों तक अपनी बात पहुंचायेंगे।

-महामंत्री वी.पी. नौटियाल ने रखे सारगर्भित विचार
मंच के महामंत्री ई0 वी.पी. नौटियाल ने पदोन्नति में आरक्षण को संविधान के विपरीत बताते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को बात को गहनता से सुनने के बाद ही पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था को समाप्त किया। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आगामी मानसून सत्र में विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करना चाहती है जिसका पुरजोर विरोध आवश्यक है।

-डा0 गार्गी मिश्रा ने रखे जोशीले विचार
ब्राह्मण युवा प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष व अभ्युदय वात्सल्यम संस्था की प्रमुख डा0 गार्गी मिश्रा ने अपने जोशीले सम्बोधन में एस0सी0/एस0टी0 एक्ट के क्रियान्वन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देशों को विधि सम्मत व आमजन की भावना के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि अन्याय सहने की पराकाष्ठा हो चुकी है अब निर्णायक संघर्ष का समय आ गया है क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार एस.सी./एस.टी. एक्ट को 9वीं सूची में डालने हेतु विधेयक लाना चाहती है ताकि इस मामले को न्यायिक परिधि से बाहर किया जा सके। यदि एक बार ऐसा विधेयक पास हो गया तो अनन्तकाल तक जनरल, ओ.बी.सी. से लेकर अल्पसंख्यकों तक के साथ अन्याय होता रहेगा।

-भाजपा अपने मूल सिद्धान्त से भटकी
स्थापना काल से ही भारतीय जनता पार्टी समान नागरिक संहिता की हिमायती रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने जब से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि एस0सी0एस0टी0 के तहत दर्ज मामलों में जांच के पश्चात् ही किसी को जेल भेजा जाये, ताकि कोई निर्दोष जेल न जाये, समान नागरिक संहिता की बात करने वाली भाजपा वोट बैंक की खातिर अनन्त काल तक इस असमानता को बनाये रखना चाहती है।

-2019 के चुनावों में रणनीति भारी पड़ सकती है भाजपा पर
ळाल ही में हुए उपचुनावों से भी यह साबित हो गया है कि सात दशकों से आरक्षण के नाम पर अपने साथ हो रहे भेदभाव को भूलकर देश की खातिर अनारक्षित वर्गों (विशेषकर सवर्ण समुदाय) के लोग भाजपा के परम्परागत वोटर रहे हैं परन्तु एस0सी0 एस0टी0 के मुददे पर भाजपा की सोच बेहद कष्टकारी है। भाजपा से यदि उनका यह परम्परागत वोटर दूर हो गया तो 2019 में सरकार बनाने की कौन कहे, कांग्रेस की तरह वह भी 44 सीट पर सिमट सकती है।

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