नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य में एजी व डीजीपी की नियुक्ति पर उठाया सवाल
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है। वहीं, विधानसभा सत्र से अलग पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए और चन्नी सरकार पर जमकर हमले किए। सिद्धू चन्नी सरकार पर हमलों के दौरान विपक्ष के नेता नजर आए। एजी व डीजीपी की नियुक्ति पर सिद्धू चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं। कहा कि चन्नी ने एजी व डीजीपी पद पर ऐसे लोगों की नियुक्ति की, जिन्होंने पंजाब के लोगों को धोखा दिया। एक ने सुखबीर बादल को क्लीन चिट दी और दूसरे ने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलवाई।
सिद्धू आज डीजीपी इकबालप्रीत सहोता के खिलाफ ज्यादा आक्रामक नजर आए। सिद्धू ने कहा कि जिस अफसर ने सुखबीर सिंह बादल को बेअदबी मामले में क्लीन चिट दी उसे ही डीजीपी लगा दिया गया। इकबालप्रीत सहोता को तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने मामले की जांच सौंपी। इस जांच में उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को बचाया था। अब चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत को ही डीजीपी के पद पर बैठा दिया।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ड्रग मामले की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से डर रही है। पूछा कि आखिर उन्हें किसका डर है। सरकार को रिपोर्ट को सार्वजनिक करनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के मामले पर सिद्धू ने कहा कि क्या यह हमेशा के लिए है। सिद्धू ने कहा कि अफसरों को चुनना है कि पंजाब कांग्रेस प्रधान को। यह तय करना सरकार का काम है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भले ही उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा वापस ले लिया हो, लेकिन वह जिम्मेदारी तभी संभालेंगे जब एजी व डीजीपी के मुद्दे का हल होगा। सिद्धू से जब मीडियाकर्मियों ने कहा कि चन्नी को सीएम बनाने में उनकी बड़ी भूमिका है। इस पर सिद्धू ने कहा कि चन्नी को सीएम बनाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। चन्नी को हाईकमान ने सीएम बनाया है। ऐसे में सिद्धू की सीएम न बनने की पीड़ा साफ झलकी।