देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत 200 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज
राजस्थान के सियासी घमासान को लेकर देशभर में राजभवनों के घेराव के क्रम में सोमवार को देहरादून में भी सैकड़ों कांग्रेसियों ने राजभवन कूच करने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने सभी को आधे रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान गुस्साए कांग्रेसियों की पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित 200 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि उनके पास जुलूस निकालने की अनुमति नहीं थी और न ही इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया गया।
इंस्पेक्टर मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जलूस के रूप में राजभवन का घेराव करने को निकले। जैसे ही वे हाथीबड़कला पहुंचे, उन्हें बैरियर पर रोकने का प्रयास किया गया। जब उनसे कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जुलूस निकालने का अनुमति पत्र दिखाने को कहा गया तो वह अनुमति पत्र नहीं दिखा सके। शारीरिक दूरी का उल्लंघन कर रहे इन कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर बैरियर पर चढ़ने का प्रयास भी किया। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट भी पहुंच गए और कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे करीब 45 मिनट तक यातायात बाधित रहा।
इस दौरान सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा, मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रभुलाल बहुगुणा, विजय सारस्वत, पीके अग्रवाल, आशा मनोरमा डोबरियाल, गौरव चौधरी, अजय सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार, संजय किशोर, हेमा पुरोहित, गोदावरी थापली, श्याम सिंह चौहान सहित कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। पुलिस ने बिना अनुमति जुलूस निकालकर भीड़ एकत्रित करने, कोरोना संक्रमण के लिए जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करने, ड्यूटी में कार्यरत पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की करने और मुख्य मार्ग पर आवागमन बाधित करने पर 200 कांग्रेसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी कांग्रेस: प्रीतम सिंह
राजस्थान के मसले को लेकर राजभवन कूच करने निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरियर लगाकर रोक दिया। इससे नाराज कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाने लगे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जबसे केंद्र में मोदी सरकार सत्तारूढ़ हुई है, देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं की हत्या की जा रही है। चुनी हुई सरकारों को गिराने, विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे लोकतंत्र विरोधी कामों को संरक्षण दिया जा रहा है। कहा कि गोवा, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक से लेकर मध्यप्रदेश में जिस प्रकार से कांग्रेस की सरकारें न बनने देने व बनी हुई सरकारों को खरीद-फरोख्त कर गिराने और फिर वहां भाजपा की सरकार बनाने का काम किया गया, यह लोकतंत्र की आत्मा पर सीधी चोट है।
चार साल पहले उत्तराखंड कांग्रेस ने भी लड़ी थी लड़ाई: हरीश रावत
धरने में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि 2016 में उत्तराखंड के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उसी तरह आज देशभर में भाजपा की ओर से अलग-अलग राज्यों में चुनी हुई सरकारों को गिराने के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी और सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने राजभवन कूच में जुटी कांग्रेसियों की भीड़ का श्रेय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को दिया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, हीरा सिंह बिष्ट, मनीष खंडूड़ी, पूर्व विधायक राजकुमार ने भी धरने को संबोधित किया