Uncategorizedउत्तराखण्ड

चरित्रहनन के निन्दनीय कृत्य पर उतरा संगम विचार मंच

देहरादून। संगम ट्रस्ट की आड़ में सरकार विरोधी वर्ग विद्वेष की भावनायें भड़काये जाने की शिकायत पर एक ओर जहां शासन द्वारा कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है वहीं दूसरी ओर पी0सी0एस0 अधिकारी ललित नरायन मिश्रा के इशारे पर शिकायतकर्ता के चरित्रहनन का निन्दनीय कृत्य शुरू कर दिया गया है जिसके विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि संगम ट्रस्ट नामक संस्थान की आड़ में राजनीतिक फायदे के लिये सरकार विरोधी वर्ग विद्वेष की भावनायें भड़काये जाने की शिकायत एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आर0टी0आई0 समाचार के सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा की गई थी जिसका संज्ञान लेते हुए जांच अधिकारी/अपर सचिव भूपाल सिंह मनराल द्वारा कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है।
पी0सी0एस0 अधिकारी ललित नरायन मिश्रा अपना आचरण सुधारने के बजाय अब शिकायतकर्ता के चरित्रहनन पर उतर आये हैं। उनके इशारे पर संगम विचार मंच नामक व्हाट्सैप ग्रुप पर 3 मार्च 2018 को उत्तराखण्ड सूचना आयोग के वर्ष 2013 में पारित उस आदेश को आधार बनाकर चरित्रहनन करने की नीयत से पोस्ट किये गये जिसको माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने गत वर्ष जून माह में ही निरस्त कर दिया था। उसी वर्ष 2013 के पुराने आदेश को आधार बनाकर शिकायतकर्ता को अपराधी दर्शाया जा रहा है, जो कि उसके चरित्र का प्रत्यक्ष रूप से हनन है। इस प्रकरण में शिकायत दर्ज कराने के उपरान्त से ही शिकायतकर्ता के विरूद्ध इस प्रकार के भ्रामक व अपमानजनक पोस्ट उक्त व्हाट्सैप ग्रुप में किये जा रहे थे व इस प्रकार के प्रचलन को बढ़ावा देने के ही परिणामस्वरूप बात चरित्रहनन तक आ पहुंची है।
व्हाट्सैप ग्रुप में इस प्रकार चरित्रहनन किया जाना न केवल आई0टी0 एक्ट 2000 के अन्तर्गत साईबर क्राईम की श्रेणी में आता है, वरन इसे मानहानि भी माना गया है। इस सम्बन्ध में शीघ्र ही विधि सम्मत कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button